गरियाबंद
गरियाबंद, 24 फरवरी। कलेक्टर दीपक कुमार अग्रवाल ने कल वन विभाग के ऑक्सन हाल में लघु वनोपज संघ के वार्षिक साधारण सभा कार्यक्रम में पहुंचे।
इस दौरान उन्होंने समिति के सदस्यों से सम्बोधित करते हुए कहा कि गरियाबंद जिला वनाच्छादित होने के कारण लघु वनोपज से हजारों वनवासियों की आय का प्रमुख जरिया है, ऐसे में संघ के सदस्य और कर्मचारी अच्छी तरह कार्य करेंगे। तभी शासन की मंशा अनुरूप वनवासियों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो पायेगी और वे तरक्की कर पायेंगे। इसलिए आप सभी को यह सुनिश्चित करना है कि वनवासियों को वनोपज बेचने में कोई परेशानी न हो। शासन के नियमानुसार उन्हें अच्छे दाम मिले और खरीदा गया वनोपज लघु वनोपज संघ के लिए अच्छी तरह काम आए। रख-रखाव अच्छा हो यह सुनिश्चित करवाना है। इस अवसर पर पुलिस उप महानिरीक्षक सह वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित तुकाराम कांबले, वन संरक्षक सह प्रभारी वनमण्डलाधिकारी मणिवासगन एस., उप वनमण्डलाधिकारी मनोज चन्द्राकर, उप प्रबंध संचालक अतुल श्रीवास्तव एवं विकास चन्द्राकर सहित लघु वनोपज संघ के जिला अध्यक्ष कल्याण सिंह कपिल, उपाध्यक्ष हरचंद ध्रुव एवं प्रदेश प्रतिनिधि देवसिंह रात्रे उपस्थित रहे।
इस अवसर पर प्रबंध संचालक एवं वन संरक्षक सह प्रभारी वनमण्डलाधिकारी श्री मणिवासगन एस. ने बताया कि लघु वनोपज संघ से जुड़ी कई योजनाएं होती है। जिन्हें जनता तक पहुंचाने में आप सभी के सहयोग की जरूरत है ताकि वनवासियों का अधिक से अधिक भला हो पाये, केन्द्र सरकार की वनधन योजना को छत्तीसगढ़ में लघु वनोपज के सहयोग से चलाया जाता है।
गरियाबंद जिले में अच्छा वन होने के कारण लघु वनोपज की मात्रा और गुणवत्ता दोनों अच्छे हैं। इसीलिए यहां 216 ग्राम स्तर समिति है। 28 हाट बाजार समूह तथा 4 वनधन केन्द्र है। जिसकी सहायता से लघु वनोपज खरीदी तथा प्रसंस्करण किया जाता है। वनवासियों के खाते तक सीधे पैसे एक साथ पहुंचते है। तेंदूपत्ता की 70 समितियां है 61 समितियों का तेन्दुपत्ता उगने से पहले ही खरीददारों ने बोली लगाकर खरीद लिया है। अच्छी गुणवत्ता वाला क्षेत्र होने के कारण इस बार भी अच्छा लाभांश वनवासियों के खाते तक पहुंचने की उम्मीद है। राज्य सरकार ने तेन्दुपत्तें का मूल्य पहले से बढ़ाते हुए अब 5500 कर दिया है, जिसका फायदा भी वनवासियों को इस बार मिलेगा।
जिला लघु वनोपज संघ के जिलाध्यक्ष कल्याण सिंह कपिल ने जिला सदस्यों एवं अन्य सदस्यों से अपील करते हुए कहा कि वनवासियों को कैसे वनोपज से अधिक लाभ हो सकता है, कैसे अधिक मात्रा में संग्रहण हो सकता है इस पर आप सभी वनवासियों को मार्गदर्शन देकर उनकी मदद करें।