राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 24 फरवरी। कलेक्टर संजय अग्रवाल ने प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के अंतर्गत न्योता भोजन के संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों, प्राचार्यों एवं प्रधान पाठकों की गुरुवार को कलेक्टोरेट सभाकक्ष में बैठक ली। कलेक्टर अग्रवाल ने कहा कि न्योता भोजन कार्यक्रम पूरी तरह से स्वैच्छिक है, जहां कोई भी व्यक्ति, समूह, समुदाय, सामाजिक संगठन, शिक्षक, भूतपूर्व विद्यार्थी, अभिभावकों द्वारा पूर्ण भोजन का योगदान कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त पूरक पोषण के रूप में चना, गुड़, मुंगफल्ली, हलवा, चिक्की, मौसमी फल, अंकुरित अनाज, केला, फू्रट सलाद, पपीता के रूप में खाद्य सामग्री का योगदान कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसमें किसी प्रकार का दबाव नहीं रहेगा।
उन्होंने कहा कि न्योता भोजन के उद्देश्य बच्चों को पौष्टिक, प्रोटीनयुक्त भोजन देना है। जिससे बच्चे स्वस्थ रहे। पूरक पोषण के माध्यम से न्योता भोजन बच्चों की रोगप्रतिरोधक क्षमता को और मजबूत करने में मदद करेगा। उन्होंने न्योता भोजन स्कूल के मध्यान्ह भोजन के समय ही आयोजित करने कहा। बच्चों को ताजा गरम भोजन दिया जाना है। उन्होंने कहा कि इससे किसी प्रकार की पढ़ाई में बाधा उत्पन्न नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने न्योता भोजन परोसने के पहले शिक्षकों को चखने के निर्देश दिए। भोजन को चखने के पश्चात ही बच्चों को देने कहा। उन्होंने कहा कि न्योता भोजन समुदाय के बीच अपनेपन की भावना विकसित करने में मदद करेगा। यह शाला और स्थानीय समुदाय के मध्य आपसी तालमेल के विकास में सहायक होगा। इससे सभी समुदाय, वर्ग के बच्चों में समानता की भावना पैदा करने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि शिक्षक अपने स्कूल के लिए बहुत कुछ कर सकते हैं। वे जितना अच्छा करना चाहते उतना अच्छा कार्य करें। स्कूल में बच्चों की पढ़ाई-लिखाई, स्वच्छता, अच्छी शिक्षण व्यवस्था कर सकते हैं। जिससे स्कूल का परिणाम भी बहुत अच्छा आएगा।
कलेक्टर अग्रवाल ने कहा कि न्योता भोजन का न्योता देने वाले व्यक्ति, संगठन, समुदाय, अभिभावक, शिक्षक, भूतपूर्व विद्यार्थी एवं अन्य व्यक्ति का नाम प्रार्थना के समय जानकारी देने कहा।
उन्होंने खाद्य पदार्थों को परोसने के ठीक पहले शिक्षकों, शाला विकास समिति के सदस्यों, रसोइया सह सहायकों, पालकों द्वारा चखना सुनिश्चित करने कहा। बैठक में सहायक संचालक आदित्य खरे, परियोजना अधिकारी रश्मि सिंह, डीएमसी सतीष व्यौहारे, सहायक परियोजना समन्वयक समग्र शिक्षा मनोज मरकाम, विकासखंड शिक्षा अधिकारी, स्कूलों के प्राचार्य एवं प्रधानपाठक उपस्थित थे।