राजनांदगांव
जिला कार्यालय के सामने नारेबाजी कर किया प्रदर्शन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 24 फरवरी। छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन ने चार सूत्रीय लंबित मांगों के समर्थन में शुक्रवार को मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। छग कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन ने अपने हाथों में तख्ती लेकर जोरदार नारेबाजी भी की। इस प्रदर्शन में विकासखंड, तहसील व जिले के शासकीय सेवकगण शामिल थे।
छग कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन राजनांदगांव अपने प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा एवं प्रांतीय सचिव एवं दुर्ग संभाग प्रभारी राजेश चटर्जी के आह्वान पर राजनांदगांव के जिला संयोजक डॉ. केएल टांडेकर, जिला महासचिव सतीश ब्यौहरे, छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के प्रांतीय उपाध्यक्ष मनीष मिश्रा के नेतृत्व में राजनांदगांव जिले में शासकीय सेवकगण अपनी केंद्र के समान 46 प्रतिशत डीए सहित चार सूत्रीय लंबित मांगों के समर्थन में मोदी की गारंटी का अमल करने शुक्रवार को दोपहर मुख्यमंत्री के नाम प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। इधर तहसील, ब्लॉक व जिले के शासकीय सेवकगण अपने-अपने मुख्यालय में इकट्टा होकर प्रदर्शन किया। वहीं राजनांदगांव में जिला कार्यालय के सामने फ्लाई ओवर के नीचे विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी व सदस्यगण एकजुट होकर अपनी मांगों के लिए तख्ती लेकर नारेबाजी करते मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।
मांगों के विषय में छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के जिला संयोजक डॉ. केएल टांडेकर, महासचिव सतीश ब्यौहरे, छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के प्रांतीय उपाध्यक्ष मनीष मिश्रा ने बताया कि पूर्व में भी कर्मचारी संगठनों द्वारा राज्य शासन को समय-समय पर अपनी जायज मांगो के निराकरण हेतु अनुरोध किया जाता रहा है, किन्तु राज्य शासन द्वारा शासकीय सेवकों के हित में समाधानकारक निर्णय नहीं लेने के कारण प्रदेश के कर्मचारीगण, अधिकारीगण, पेंशनर्स प्रताडि़त हो रहे हैं। शासन द्वारा राज्य सेवा के कर्मचारियों के वेतन में लगातार कटौती की जा रही है और उनके मौलिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है। इस कारण शासकीय सेवकों में निराशा और आक्रोश व्याप्त है और वे अपने हक की लड़ाई के लिए लामबंद हो रहे हैं।
मांगों के विषय में छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के जिला संयोजक डॉ. केएल टांडेकर, जिला महासचिव सतीश ब्यौहरे एवं छग कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के प्रांतीय उपाध्यक्ष मनीष मिश्रा ने बताया कि राज्य के कर्मचारी-अधिकारी शासन के उपेक्षापूर्ण रवैये से क्षुब्ध एवं व्यथित होकर इसके विरोध में प्रदेश के सभी जिला एवं ब्लाक मुख्यालयों में एकत्रित होकर नारेबाजी करते मुख्यमंत्री के नाम प्रशासन को ज्ञापन सौंपा।
इस आंदोलन को राज्य सेवा के विभिन्न 110 से अधिक कर्मचारी एवं अधिकारी संगठनों का समर्थन प्राप्त है, जो राज्य शासन से अपनी मांगो को लेकर प्रदेशव्यापी आंदोलन के लिए कमर कस चुके हैं। यदि शासन छग कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन की लंबित 4 सूत्रीय मांगों पर शीघ्र कोई समाधानकारक ठोस निर्णय नहीं लेती है तो वृहद स्तर पर प्रांतव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल एवं धरना प्रदर्शन के रूप में परिणीत होगा। जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी राज्य शासन की होगी।