रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 25 फरवरी। एक तरफ तो अफसर लाखों रूपए के घोटालों को नजरअंदाज कर जाते हैं, दूसरी ओर उन्हीं अफसरों के द्वारा वेतन पर ही क्वेरी बिठा दी गई है। ऐसे ही लाखों कर्मचारी अपने महंगाई भत्ते के लिए संघर्ष कर रहे हैं तो अनुदान प्राप्त कॉलेज के प्राध्यापक, कर्मचारी अपने वेतन के लिए पांच माह से संकट में फंसे हुए है? ।
मिली जानकारी के अनुसार राजधानी से लेकर प्रदेश के कॉलेजों के स्टाफ को बीते पांच महीने से वेतन नहीं मिला है। इनमें कमलादेवी संगीत कॉलेज, दुर्गा कॉलेज, कल्याण कॉलेज ,सीएमडी बिलासपुर और हरदीबाजार कॉलेज जैसे कुल 14 कॉलेज शामिल हैं?।वैसे यह हर साल की परंपरा का रूप ले चुका है। वित्त वर्ष के अंतिम महीने, दो महीनों का वेतन रोक दिया जाता है। जो नए वित्त वर्ष के शुरूआती महीने में दिया जाता है। इस वर्ष भी तो और भी अति की जा रही है। बीते अक्टूबर से फरवरी तक का वेतन अब तक नहीं दिया गया है।
बताया गया है कि प्रदेश के 14 अनुदान प्राप्त कॉलेजों के 48 करोड़ के पे-बिल का उच्च शिक्षा विभाग ने अनुमोदन नहीं किया है। इससे इन कॉलेजों के पांच सौ से अधिक प्राध्यापक, कर्मचारियों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। वे कर्ज लेकर राशन और अन्य अत्यावश्यक खर्च वहन करने मजबूर हैं। ये सभी हर रोज मंत्रालय और संचालनालय संपर्क करने लगे हैं । बताया जा रहा है कि उच्च शिक्षा सचिव पी.प्रसन्ना ने वेतन अनुमोदन फाइल पर क्वेरी लिखकर वापस भेज दिया है ।
इन कॉलेजों के प्राध्यापकों का कहना है कि यह अनुदान केवल वेतन मद के लिए दिया जाता है। और भुगतान कोषालय (ट्रेजरी पेमेंट) से होता है साथ ही इसका उपयोगिता प्रमाण पत्र (यूसी) भी शासन को भेजा जाता है । सारी प्रक्रियाओं को हर साल पूरा किया जा रहा है उसके बाद भी सचिव की यह क्वेरी समझ से परे है।