रायगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 26 फरवरी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने महिला की हत्या कर साक्ष्य छुपाने के मामले में 4 आरोपियों को आजीवन कारावास एवं एक आरोपी को 7 साल की सजा सुनाई है।
आरोपियों द्वारा मुआवजे की रकम बंटवारे की बात लेकर महिला की हत्या की गई थी।
अभियोजन पक्ष के अनुसार 5 दिसंबर 2019 को ग्राम कोटवार देवरी मोहर दास महंत द्वारा मोबाईल से सूचना दी गई कि गांव के नकाईन मुडा तालाब के पास नाली झाडिय़ों के बीच गंगोत्री बाई पति मनोहर बघेल 26 साल की लाश संदिग्ध अवस्था में पड़ी हुई है। इस मामले की जांच में भूपदेवपुर पुलिस ने पाया कि महिला के सिर को दीवाल में पटक-पटककर उसकी हत्या की गई है और फिर आरोपियों के द्वारा सबूत मिटाने पुलिस को गुमराह करने के उद्देश्य से शव को तालाब के पास फेंक दिया गया था।
पुलिस ने जांच के दौरान महिला की सास, ससुर, पति, ननद, देवर को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ करने पर उन्होंने बताया कि वीसा पावर प्लांट के मुआवजा का हिस्सा बंटवार की रकम लेने के विवाद में उन्होंने हत्या की वारदात को अंजाम दिया था, और पकड़े जाने के डर से सबूत मिटाने सभी ने मिलकर शव को तालाब के पास झाडिय़ों में फेंक दिया था। जिसके बाद सभी आरोपियों को धारा 302 एवं साक्ष्य मिटाने की धारा 201 के तहत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
यह मामला खरसिया न्यायालय के श्रीमान न्यायिक मजिस्टे्रट प्रथम श्रेणी तनुश्री गबेल के समक्ष प्रस्तुत किया गया था, जहां से यह मामला सत्र न्यायालय रायगढ़ को भेजा गया।
इस मामले में न्यायालय में दोनों पक्षों की सुनवाई गवाहों और सबूतों को प्रस्तुत किया गया। अतिरिक्त सत्र न्यायालय जीतेन्द्र कुमार ठाकुर ने जहां महिला के पति को दोष मुक्त करते हुए सबूत मिटाने का आरोपी पाया और उसे 7 वर्ष कैद की सजा सुनाई है वहीं सास, ससुर, ननद व देवर चार लोगों को हत्या के अपराध एवं सबूत मिटाने का दोषी पाया गया, जिन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इस मामले में लोक अभियोजक श्रीमत विमला महंत ने पैरवी की।