बलौदा बाजार

उठाव नहीं, खरीदी केन्द्रों में खुले में पड़ा है धान
26-Feb-2024 8:17 PM
उठाव नहीं, खरीदी केन्द्रों में खुले में पड़ा है धान

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बलौदाबाजार, 26 फरवरी। रविवार की दोपहर 12 बजे से मौसम का मिजाज अचानक से बदल गया है। इसके लिए मौसम विभाग ने एक एडवाइजरी भी जारी किया है कि 25 से 28 फरवरी के बीच गरज-चमक के साथ पानी गिर सकता है। कहीं-कहीं ओले गिरने की संभावनाएं भी बताई गई है।

लवन शाखा के 15 उपार्जन केन्द्रों में खरीदे गए धान का उठाव अभी भी नहीं हो सका है, जबकि खरीदी समाप्त हो 22 दिन बीत गए है। इसके बावजूद 15 उपार्जन केन्द्रो से 3 लाख क्विंटल धान का उठाव नहीं हो सका है। खरीदी केन्द्रों में क्षमता से अधिक धान जाम होने की वजह से खरीदी प्रभारियों की चिन्ता बढ़ गई है। उन्हें उपार्जित धान को कैसे रखना है, इसकी चिन्ता सता रही है। वही, अधिकांश खरीदी केन्द्रों में शेड चबुतरे की व्यवस्था नहीं है, उन्हें और भी परेशानी झेलनी पड़ सकती है।

अहिल्दा के समिति प्रबंधक मेष कुमार साहू कहते हैं कि इस वित्तीय वर्ष अहिल्दा सोसायटी में 48 हजार 266 क्विंटल धान की खरीदी की गई। जिसमें 26 हजार 520 क्वींटल धान का उठाव हो चुका है। शेष 21 हजार 746 क्विंटल धान का उठाव होना बाकि है। शासन-प्रशासन के द्वारा उठाव की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इस वजह से सूखत होने व बारिश होने पर धान खराब होने की प्रबल संभावना बनी हुई है। क्यांकि आंधी तूफान में तिरपाल, पॉलीथिन वगैरह फट जा रहा है। जिससे बारिश होने पर नुकसान होगा। वहीं, हमारी मांग है कि समितियों को 3 प्रतिशत छूट दिया जाये जिससे नुकसान की भरपाई किया जा सके।

रामकुमार साहू, जिला उपाध्यक्ष सहकारी समिति कर्मचारी संघ का कहना है कि धान खरीदी नीति के अनुरूप अभी धान का उठाव हो जाना था। लेकिन खरीदी बंद होने के 22 दिन बाद भी परिवहन शुरू नहीं हुआ है। धान की कमी होने पर उसकी भरपाई समिति प्रबंधको से न वसूलकर भरपाई जिला विपणन अधिकारी एवं शासन-प्रशासन की होनी चाहिए।

ज्ञात हो कि लवन शाखा के 15 उपार्जन केन्द्रो में 7 लाख क्विंटल धान की खरीदी की गई है। इनमें से 4 लाख क्विंटल धान का उठाव तो हो गया है, लेकिन 3 लाख क्विंटल धान का उठाव नहीं हो सका है, शेष 3 लाख क्विंटल धान खुले में पड़ा है, अगर तेज बारिश या ओले पड़ते है तो धान खराब होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।

वहीं, अधिकतर समिति केन्द्रो में धान को ढकने के लिए तिरपाल तक की व्यवस्था नहीं है, वे मजबूरीवश पॉलीथिन से ढके हुए है। समिति प्रभारियों ने शासन-प्रशासन से जल्द ही धान का उठाव करने की मांग किया गया है। वही, पश्चिमी विक्षोभ के कारण पिछले कई दिनों से समय-समय पर आसमान में अचानक बादल छा जा रहे है।

रविवार 25 फरवरी को दोपहर 12 बजे से ही आसमान में घने बादल छाये हुए है। इन्ही बादलों के कारण आने वाले तीन-चार दिनों में बिजली चमकने, बारिश होने और ओले पडऩे की संभावना बन रही है जिससे तापमान में गिरावट से इंकार नहीं किया जा सकता है। बारिश होने पर एक बार फिर ठंड बढ़ सकती है। फिलहाल उत्तरी हवाओं के चलने से तापमान में गिरावट हो गई है। बारिश होने की स्थिति में तापमान में और भी अधिक गिरावट होने की संभावना है। यदि यह घने बादल बारिश में तब्दील होता है तो सब्जियों के साथ-साथ रवि की फसल जैसे गेहू, चना, सरसो को भी नुकसान पहुंचेगा। वही, यदि ओलावृष्टि होती है तो आम की फसल को भी नुकसान होने की संभावना जताई जा रही है।

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