राजनांदगांव
कोरोनाकाल के चार साल बाद रेल्वे को यात्रियों की आई याद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 27 फरवरी। रेल्वे ने लोकल ट्रेनों के किराये के दर में कमी करने का ऐलान किया है। कोरोनाकाल के चार साल बाद रेल्वे को मुसाफिरों की तकलीफ दूर करने की अचानक याद आई। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर रेल्वे ने यात्रियों को राहत देते हुए एक्सप्रेस की तर्ज पर लिए जा रहे किराये में भारी भरकम कटौती की है। वैश्विक महामारी कोरोनाकाल में रेल्वे ने लोकल ट्रेनों की टिकटें एक्सप्रेस ट्रेनों के समान कर दी थी। जिससे लोकल ट्रेनों में आवाजाही करने वाले एक बड़ी आबादी को काफी तकलीफों का सामना करना पड़ा। तकरीबन 4 साल बाद रेल्वे ने लोकल ट्रेनों की टिकटों के दाम घटा दिए हैं। पिछले चार साल से डोंगरगढ़ से लेकर रायपुर तक लोकल ट्रेनों में सफर करने वाले दैनिक यात्रियों को आर्थिक परेशानी से जूझना पड़ा। लोकल ट्रेनों की टिकटों के दाम एक्सप्रेस की तर्ज पर करने से यात्रियों को कामकाज के लिए शहर आना घाटे का सौदा साबित हो रहा था।
ज्ञात हो कि राजनांदगांव में लोकल ट्रेनों के जरिये बोरतलाव से लेकर रसमड़ा तक के दिहाड़ी मजदूर पहुंचते थे। टिकटों के दाम बढऩे के कारण लोकल ट्रेनों से सफर करना काफी महंगा साबित हुआ। ऐसे में कई दिहाड़ी मजदूरों ने सालों पुराने परंपरागत काम को भी गंवा दिया। इधर रेल्वे ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर यात्रियों को राहत देते हुए पूर्व की तरह टिकटों के दाम तय कर दिए हैं। चार साल तक भारी भरकम दाम रेल्वे ने लोकल ट्रेनों के यात्रियों से वसूली है। बताया जा रहा है कि रेल्वे को यात्रियों की सुध लोकसभा चुनाव की वजह से आई है। रेल्वे के अफसरों ने दावा किया है कि आगे भी लोकल ट्रेनों के किराये में बढ़ोत्तरी नहीं होने की संभावना नहीं है। एक जानकारी के मुताबिक रेल्वे दुर्ग तक 30 रुपए मुसाफिरों से वसूल कर रहा था। अब नए आदेश में किराया 10 रुपए कर दिया गया है।
इसी तरह रायपुर 40 से 20, बिलासपुर 75 से 40, डोंगरगढ़ 30 से 10, गोंदिया 50 से 25, नागपुर 90 से 50 रुपए की दर किया गया है।
यात्रियों को मिलेगी राहत
इधर रेल्वे प्रशासन ने लोकल ट्रेनों के किराया में कमी कर दी है। इससे आसपास के क्षेत्रों में लोकल ट्रेनों से सफर करने वालों को किराया कम होने से राहत मिलेगी। ऐसे में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों, दिहाड़ी मजदूरों तथा रोजमर्रा के लिए सफर करने वाले मुसाफिरों को किराया दर कम होने से राहत मिलेगी। ऐसे में लोकल ट्रेनों में अब यात्रियों की संख्या में बढ़ोत्तरी होने की संभावना है।