दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 27 फरवरी। छात्रवृत्ति में अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं के साथ भेदभाव होने का आरोप लगाते हुए ओबीसी संयोजन समिति रोष ने जताया है।
समिति के पदाधिकारियों ने ज्ञापन सौंपकर ओबीसी छात्रत्रवृत्ति के लिए आय सीमा ढाई लाख किए जाने मांग की है। साथ ही राजभवन में लंबित आरक्षण संसोधन विधेयक 2022 जल्द हस्ताक्षर करने अपील की है विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं होने की स्थिति में संगठन ने बड़ी आंदोलन करने की चेतावनी दी है।
समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि शासन द्वारा दी जा रही छात्रवृति योजना में ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) के छात्र छात्राओं के साथ भेदभाव होने की बात कहते हुए। इसका विरोध किया ओबीसी की छात्रवृति के लिए आय की अधिकतम सीमा एक लाख रूपये को बढ़ाकर ढाई लाख रुपए कर उन्हें भी एसटीएससी छात्र छात्राओं के बराबर छात्रवृति देने मांग की।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में पोस्ट मैट्रिक के विद्यार्थियों द्वारा पूर्व वित्तीय वर्ष में करीब 2 लाख की आयु सीमा के आधार पर छात्रवृत्ति हेतु ऑनलाइन आवेदन प्रस्तुत किया था, उन्हें भी विभाग की ओर से जारी ऑनलाइन सेवा द्वारा टेंपरेरी रिजेक्ट मोड पर रखकर आवेदन को खारिज किया जा रहा है, जिसे पूर्ववर्ती आय सीमा 2 लाख के आधार पर स्वीकार कर ओबीसी के सभी छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति का लाभ दिया जाय है।
उनका कहना है कि ओबीसी के विद्यार्थियों को छात्रवृति के लिए आय की अधिकतम सीमा 100000 रुपए कर अन्य वर्गों की तुलना में बहुत कम छात्रवृति देने का प्रावधान किया गया है। इस प्रकार जानबूझकर ओबीसी वर्ग के विद्यार्थियों के साथ भेदभाव किया जा रहा है, जिस कारण ओबीसी वर्ग के लोगों में आक्रोश फैल रही है।
ओबीसी वर्ग के विद्यार्थियों के साथ हो रहे इस भेदभाव के विरोध में ओबीसी संयोजन समिति जिला इकाई दुर्ग द्वारा ज्ञापन सौंपा गया।