महासमुन्द

पहली बार नियमों का उल्लंघन किया तो जुर्माना, दूसरी बार में सीधे हाईकोर्ट: वाहन जब्ती, जुर्माना, सजा का प्रावधान
29-Feb-2024 3:02 PM
 पहली बार नियमों का उल्लंघन किया तो जुर्माना, दूसरी बार  में सीधे हाईकोर्ट: वाहन जब्ती, जुर्माना, सजा का प्रावधान

सडक़ दुर्घटनाओं को रोकने, यातायात सुगम बनाने जिला सडक़ सुरक्षा समिति की बैठक में निर्णय 

महासमुंद, 29 फरवरी। जिला सडक़ सुरक्षा समिति की बैठक कलेक्टर प्रभात मलिक की अध्यक्षता में बुधवार को कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में  आयोजित हुई। बैठक में जिले में सडक़ दुर्घटनाओं को रोकने और यातायात को सुगम बनाने और ध्वनि प्रदूषण कम करने के संबंध में विस्तार से चर्चा की गई। इस दौरान सडक़ सुरक्षा समिति की बैठक में कई अहम फैसले लिये गये। वहीं ध्वनि प्रदूषण कम करने पर बल दिया गया। 

कलेक्टर ने कहा कि सडक़ दुर्घटना रोकने के लिए गंभीरता से काम करने की जरूरत है। सभी शासकीय अधिकारी-कर्मचारी घर से कार्यालय आने के लिए वाहनों का प्रयोग करते हैं, वे रोड सेफ्टी नियमों का अनिवार्य रूप से पालन करें। यदि दो पहिया वाहन उपयोग में लाते हैं तो हेलमेट लगाएं एवं चार पहिया वाहन उपयोग करने पर सीट बेल्ट लगाकर वाहन चलाएं। 
उन्होंने कहा कि इससे जनता को जागरूक करने में मदद मिलेगी। अन्यथा चालानी कार्रवाई की जाएगी। बैठक में अपर कलेक्टर निर्भय साहू, रवि साहू, राजस्व अधिकारी, पुलिस एवं परिवहन के अधिकारी मौजूद थे। इस दौरान बताया गया कि जिले में वर्ष 2024 के लिए ब्लैक और ग्रे स्पॉट का चिन्हांकन किया जायेगा। कलेक्टर ने यह कार्य जल्द से जल्द करते हुए ब्लैक और ग्रे.स्पॉट चिन्हांकित करने पर बल दिया ताकि जरूरी  एहतियातन व्यवस्था की जा सके। इसमें रम्बल स्ट्रीप, सूचनात्मक बोड, ब्लिंकर्स और ब्लैक ग्रे.स्पॉट सिम्बल बोर्ड इत्यादि सम्मिलित है। 

कलेक्टर ने हाईवे के किनारे ढाबों की लगातार जांच करने के निर्देश दिए। बैठक में कलेक्टर ने सभी ब्लैक स्पॉट को खत्म करने और हाइवे पर बनाए गए कट पाइंट को बंद करने के साथ ही क्षतिग्रस्त सडक़ों और पुल.पुलियों की मरम्मत के निर्देश दिए। उन्होंने यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों के खिलाफ  लगातार चालानी कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए। साथ ही कॉलेजों और अन्य स्थानों पर यातायात जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के लिए कहा। रोड एक्सीडेंट पर चर्चा करते हुए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।

कलेक्टर श्री मलिक ने बैठक में नेशनल हाईवे, लोक निर्माण विभाग और छत्तीसगढ़ राज्य सडक़ विकास निगम के अधिकारियों को तिराहा, चौराहा, स्टेट, नेशनल हाईवे मोड़ और खुले पुल.पुलिया, खतरनाक मोड आदि दुर्घटनाजन्य स्थानों में भी संकेतक साइन बोर्ड एवं रेडियम की पर्याप्त व्यवस्था करने, जिले में संचालित स्कूल बसों, ऑटो टैक्सी के संबंध में स्कूल प्रबंधकों को सचेत करने के निर्देश दिए। 

उन्होंने उपस्थित सभी अधिकारियों से कहा कि सभी स्थानों में वाहन की गति सीमा का संकेतक लगाना चाहिए ताकि आम नागरिक जागरूक होकर वाहन चालन का कार्य करें और वाहन दुर्घटना से बचें।

सभी सीएमओ व्यापारियों को बाइक के साथ ग्राहकों को हेलमेट खरीदना अनिवार्य करें। उन्होंने कहा कि स्वयं और साथी यात्रियों की  सुरक्षा के लिए आम नागरिक वाहन चलाने के दौरान हेलमेट, सीट बेल्ट आदि के प्रयोग करें। हेलमेट नहीं पहनने के कारण ही दुर्घटना में अधिकांश लोगों की मृत्यु हुई है।

पुलिस यातायात श्री ध्रुव ने कहा कि सडक़ में संकेतक नहीं होने से यात्रियों को लम्बी दूरियों का सफर करके अनावश्यक परेशानियां  होती है। सुप्रीम कोर्ट के गाइड लाइन के अनुसार जहां जरूरत वहां स्पीड ब्रेकर का निर्माण होना चाहिए। आरटीओ नियमानुसार टै्रक्टर ट्रॉली और  अन्य वाहनों के किनारे में रिफ्लेक्टर और संकेतक होने पर ही फिटनेस प्रमाण पत्र प्रदान करें। कोताही नहीं बरते। उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट ने  वाहनों में प्रेशर हॉर्न, तेज आवाज वाले साइलेंसर और तेज आवाज में डीजे बजाने वालों के विरूद्ध कार्रवाई करने कहा है। पहली बार में नियमों का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध जुर्माना लगाया जायेगा। दूसरी बार में सीधे हाईकोर्ट में प्रस्तुत किया जाएगा, जिसमें जप्ती, जुर्माना व सजा का प्रावधान  है। जिले में शांति का माहौल बनाने हेतु ऐसी गतिविधियों में संलिप्त व्यक्तियों के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी। 

 

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