बस्तर

हार्ट अटैक से सीआरपीएफ जवान की मौत
01-Mar-2024 10:35 PM
हार्ट अटैक से सीआरपीएफ जवान की मौत

बीजापुर में आई थी कंपनी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

जगदलपुर, 1 मार्च। बीजापुर जिले के मोदकपाल कैम्प में करीब एक माह पहले झारखंड की गोल्फ कंपनी 26 बटालियन की एक पूरी टीम बीजापुर के मोदकपाल में आई  थी, जहाँ उसी कंपनी में पदस्थ हेड कांस्टेबल की शुक्रवार की सुबह हार्ट अटैक आने से मौत हो गई। जवान का पीएम बीजापुर के जिला अस्पताल में कराया गया, जहाँ से शव को एम्बामिंग के लिए मेकाज लाया गया।

मामले के बारे में जानकारी देते हुए सीआरपीएफ के अधिकारियों ने बताया कि बीजापुर जिले के मोदकपाल कैम्प में करीब एक माह पहले झारखंड की गोल्फ कंपनी 26 बटालियन की एक पूरी कंपनी आम्र्स के लिए आई हुई थी, जहाँ शुक्रवार सुबह बिहार के भागलपुर निवासी बाबूलाल यादव (50 वर्ष)को अचानक से सीने में दर्द होने के कारण उसे साथियों की मदद से बीजापुर जिला अस्पताल ले जाया गया, जहाँ जवान ने दम तोड़ दिया।

 जवान के निधन के बाद अधिकारियों ने शव का पीएम करवाने के बाद शव को एम्बोम्बिंग के लिए मेकाज रवाना किया गया, जहाँ 20 मिनट तक चले एम्बोम्बिंग प्रकिया के बाद जवान के शव को साथियों को दिया गया, जहाँ शव को एम्बुलेंस के माध्यम से रायपुर ले जाया जाएगा, जहाँ से उसे हेलीकॉप्टर की मदद से पहले पटना फिर भागलपुर वहां से बिहार ले जाया जाएगा।

जब किसी की मौत हो जाए और किन्हीं कारणों के चलते उसकी डेड बॉडी को लंबे समय तक रखा जाना हो, तो शव को सडऩे से बचाने के लिए इस लेप को शरीर पर लगाया जाता है। साथ ही इसे इसलिए लगाया जाता है जिससे डेड बॉडी में से बदबू न आए, कोई किसी तरह का इंफेक्शन न आए और उसे एक जगह से दूसरी जगह तक ले जाया जा सके। इस लेप को एम्बामिंग फल्यूड  कहा जाता है। एम्बामिंग फल्यूड को कई तरह के केमिकल्स और डिसइंफेक्टेंट को मिलाकर बनाया जाता है। इसे न सिर्फ शव पर लगाया जाता है ब्लकि इंजेक्ट भी किया जाता है। इस पूरे घोल को शरीर पर लगाया जाता है, जिससे शव को सडऩे से बचाया जा सकता है। क्योंकि शव से बैक्टीरिया का संक्रमण होता है, जिस वजह से उसमें से बदबू आने लगती है। शरीर में से बैक्टीरिया निकलते हैं, जो दूसरे लोगों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

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