महासमुन्द
![मेडिकल कॉलेज महासमुंद में ब्रांकोस्कोपी से फेफ ड़ा रोगों का उपचार शुरू मेडिकल कॉलेज महासमुंद में ब्रांकोस्कोपी से फेफ ड़ा रोगों का उपचार शुरू](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1709374623hoto-1.jpg)
राज्य में अब तक केवल राजधानी में ही थी यह सुविधा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 2 मार्च। फेफ ड़ा एवं संबंधित गंभीर रोगों की ब्रांकोस्कोपी दूरबीन के लिए अब मरीजों को राजधानी नहीं जाना पड़ेगा। बल्कि महासमुंद शहर के मेडिकल कॉलेज में बहुत कम शुल्क पर यह सुविधा प्रारंभ हो गई है।
जिले में सर्वाधिक फेफड़े रोग के मरीज मिलने की वजह से मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने यह सुविधा प्रारंभ कर दी है। अब तक प्रदेश भर में केवल राजधानी स्थित मेकाहारा में ही यह सुविधा उपलब्ध थी। स्थानीय कुछ निजी अस्पतालों में ब्रांकोस्कोपी कराने पर 20 से 25 हजार रूपए लगते थे। लेकिन मेडिकल कॉलेज में कम खर्च में लोगों को यह सुविधा मिल सकेगी।
मिली जानकारी के अनुसार शहर में मेडिकल कॉलेज खुलने के बाद से लगातार यहां सेवाओं में विस्तार हो रहा है। अब फेफड़े के इलाज के लिए ब्रोंकोस्कोपी जांच शुरू की गई है। जांच की इस सुविधा के शुरू होने से अब आसानी से बीमारी के कारणों का पता लगा सकेंगे।
स्वास रोग विशेषज्ञ डॉ. रोशन लाल ने बताया कि कोस्कोप मशीन की सहायता से हम दमा और टीबी आदि की अवस्था को पहचान सकेंगे। इससे न केवल मरीजों का त्वरित उपचार करने में सहयोग मिलेगा बल्कि फेफड़ों से संबंधित रोग को वजह से होने वाली मृत्युदर में काफी जमी आएगी। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में खांसी फेफड़ों के संक्रमण, फेफड़ों के कैंसर और सांस की बीमारी से जुड़े मरीज आते हैं। यहां ब्रोकोस्कोपी जांच की सुविधा नहीं थी। जिसकी वजह से मरीजों को जांच के लिए दूसरे जगह जाना पड़ता था। कोस्कोपी टेस्ट फेफड़ों से जुड़ी जटिल से जटिल बीमारी के लिए किया जाता है। इससे फेफड़ों के कंडीशन का पता चलता है। इस जांच में मरीजों के इलाज की तैयारी में काफी मदद मिलती है। फेफ ड़े के निश्चित हिस्से में दवाई पहुंचाने में इस जांच के जरिए काफ ी मदद मिलती है। कल से प्रारंभ हुई इस सुविधा से लगभग 12 से 25 मरीजों का सफलतम जांच किया जा चुका है। कल उपचार के दौरान डॉ. रोशन लाल के साथ डॉ. आयुष वर्मा, डॉ. आलोक मिंज, डॉ. हेमलता, स्टाफ नर्स अनुपमा पटेल एवं टीम उपस्थित थे।