बलौदा बाजार

चैत्र नवरात्रि की तैयारी जोरों पर, सजे मंदिर, होंगे ज्योति कलश प्रज्जवलित
07-Apr-2024 2:34 PM
चैत्र नवरात्रि की तैयारी जोरों पर, सजे  मंदिर, होंगे ज्योति कलश प्रज्जवलित

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 7 अप्रैल। 
नगर समेत अंचल में 9 तारीख से प्रारंभ हो रही चैत्र नवरात्रि की जोर-जोर से तैयारी प्रारंभ हो गई है। चैत्र नवरात्रि के पर्व मंदिरों की साफ सफाई रंग रोगन किया जा रहा है। नवरात्रि में नगर में आंचल में बड़ी संख्या में लोग मंदिरों में देवी के दर्शनों के लिए पहुंचते हैं। वहीं हजारों की संख्या में ज्योति कलश भी प्रज्वलित की जाती है। इस वर्ष चैत्र नवरात्रि में माता घोड़े पर सवार होकर आएगी वहीं माता का प्रस्थान हाथी पर सवार होकर होगा।

चैत्र नवरात्रि के दिन से हिंदू नव वर्ष का प्रारंभ होता है लिहाजा हिंदू धर्म के लोगों के द्वारा जोर-शोर से इस पर्व को मनाया जाने के लिए नगर में देवी मंदिरों की साफ सफाई का कार्य प्रारंभ हो गया है। कार्य प्रारंभ होने के पूर्व मंदिर समिति सदस्यों द्वारा बैठक कर आगामी दिनों के कार्यक्रम पर चर्चा की गई है। जिसके बाद नगर की सृष्टि देवी मंदिर रिसदा रोड स्थित काली मंदिर नयापारा दुर्गा मंदिर मावली मंदिर लोहिया नगर देवी मंदिर गायत्री मंदिर आदि में मंदिर समिति के सदस्यों द्वारा मंदिर का रंग रोगन चालू किया गया है। चैत्र नवरात्रि में देवी मंदिरों में पूरे 9 दिन हजारों की संख्या में लोग दर्शनों के लिए पहुंचते हैं। जिससे ध्यान में रखते हुए समिति द्वारा मुख्य मंदिर के साथ ही साथ जगराता कक्षा ज्योति कलश आदि की भी सफाई कराई जा रही है। 

ग्रामीण इलाकों में नवरात्रि की तैयारी प्रारंभ 
चैत्र नवरात्रि के लिए ग्रामीण इलाकों में भी तैयारी प्रारंभ हो गई है। नगर से 12 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम डमरू का महामाया मंदिर इलाके के प्राचीन देवी मंदिरों में से है। मंदिर क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक है जिससे छैमाही रात्रि में तैयारी किया गया है जो पुराने किले यानि गढ़ के रूप में सुशोधित है। वही नगर के समीपस्थ  स्थित ग्राम भरसेली स्थित सिद्ध देवी दुर्गा मंदिर में नवरात्रि के अवसर पर भजन पूजन के साथ ही साथ विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

घोड़े पर सवार होकर माता आएगी 
देवी दुर्गा शेर पर सवार होती है लेकिन नवरात्रि के दौरान वार के अनुसार हर बार माता की सवारियां अलग-अलग होती है। अगर शनिवार और मंगलवार के दिन नवरात्रि की शुरुआत होती है तो माता घोड़े पर सवार होकर आती है। इसी तरह गुरुवार शुक्रवार को नवरात्रि का प्रारंभ होता है तो माता की सवारी डोली होती है। नवरात्रि की शुरुआत बुधवार से होने पर माता दुर्गा नाव पर सवार होकर आती है। वैसे ही सोमवार और रविवार को नवरात्रि शुरू होने पर माता हाथी पर सवार होती है। माता की सवारी के अनुसार ही नवसवत्संर के बारे में अनुमान लगाया जाता है। चैत्र नवरात्रि का प्रथम दिन मंगलवार होने की वजह से इस बार माता की सवारी घोड़ा होगा। माता का घोड़े पर सवार होकर आना शुभ संकेत माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार जब-जब भी माता घोड़े पर सवार होकर आए आई है तो सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में बड़े बदलाव देखने को मिलते हैं।

घटस्थापना समय
हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि यानी 9 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि शुरू होंग। और 17 अप्रैल को समाप्त होगा ऐसे में 9 अप्रैल को घट स्थापना कर मां दुर्गा की विशेष पूजा की जा सकती है।ज्योतिषियों के अनुसार 9 अप्रैल को घट स्थापना समय प्रात: काल 6.02 से लेकर 10.16 तक है। इस समय में घट स्थापना कर सकते हैं। इसके अलावा 11.57 से लेकर दोपहर 12:48 के मध्य अभिजीत मुहूर्त में भी घट स्थापना कर सकते हैं।
 

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news