रायगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 14 अप्रैल। पति के सरकारी नौकरी के बावजूद भी पत्नी को अपना और अपने बच्चों का पेट पालने के लिए भीख मांग कर जीवन गुजर बसर करना पड़ रहा है। लिहाजा पत्नी ने पति के वेतन से भरण पोषण देने की मांग की है।
दरअसल,चन्द्रमणी बैरागी पिता रामदास बैरागी वन विभाग में सुरक्षा गार्ड (नाका) में सरकारी नौकरी पद पर पदस्थ है। वह वर्तमान में चोटीगुड़ा घरघोड़ा बिट में ड्यूटीरत है। महीने में उसे हजारों रूपये मिलता है और जितने भी वेतन मिलता है, उसे खुद ही खर्चा कर खत्म कर देता है उसके पत्नी और बच्चे द्वारा घर में अनाज खरीदने के लिए मांगने पर पैसे नहीं है, खर्च हो गये व कुछ कुछ बहाना बनाकर परिवार को अनाज खरीदने के लिए पैसे नहीं देता जिससे उसके पत्नी कौशल्या बैरागी मूल निवासी ग्राम भाठनपाली गाँव में घर-घर जाकर भीख मांग कर अपने बच्चों का भरण पोषण कर रही है, जिससे उनके जीवन यापन करने में भारी परेशानी हो रही है।
कौशल्या बाई ने यह भी बताया कि बीच बीच में उसके स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता और उम्रदराज के कारण भीख मांगने जाने में भी परेशानी होती है। कौशल्या ने यह भी बताया वे पूर्व में रायगढ़ वनमण्डलाधिकारी को उसके पति का वेतन उसके खाता में दिया जाये या ज्वाईन्ट खाता खोलवाने की विनती भी की, लेकिन उसके बाद भी वन विभाग के अधिकारी उनके एक नहीं सुनी।
कौशल्या का कहना है कि उसके पति वेतन अकेले खाने के लिए गाँव से दूर अपना तबादला करा लिए। मजबूर महिला ने अपने पति को रायगढ़ ब्लॉक में पदस्थ कर पति चन्द्रमणी बैरागी के वेतन में से कटौती कर उसे देने की मांग की है ताकि वह स्वयं व बच्चों का भरण पोषण कर सके।