दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 14 अप्रैल। शुक्रवार को चंदूलाल चंद्राकर स्मृति शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय में सिकलसेल बीमारी पर राष्ट्रीय स्तर पर एक संगोष्ठी आयोजित की गई ।
इस कार्यक्रम में सिकल सेल बीमारी के सम्पूर्ण व स्थाई इलाज की आधुनिक नई पद्धति क्रिस्पर पर चर्चा हुई। इस आयोजन में छत्तीसगढ़ के सिकल सेल बीमारी की पहचान एवं उपचार हेतु अग्रपुरुष जो सिकल सेल के पितामह के रूप में ख्याति प्राप्त डॉ. पी. के. पात्रा, कुलपति आयुष विश्वविद्यालय की विशेष उपस्थित रही। कार्यक्रम का संयोजन बायोकेमिस्ट्री की विभागाध्यक्ष डॉ. स्वाति हिवाले ने किया, जो पिछले कई वर्षो तक रायपुर के सिकल सेल सस्थान में मरीजों के परीक्षण इलाज तथा सिकल सेल संबधी शोध में विशेष रुचि लेती रहीं है। डॉ. लोपा मुद्रा भी इस कार्यक्रम में सिकल सेल के मरीजों की सहभागिता हेतु सक्रिय रही।
कार्यक्रम में नई दिल्ली से आए वैज्ञानिक डॉ. सोविक मैती एवं डॉ. देवज्योति चक्रवर्ती ने व्याख्यान दिया तथा संस्थान के चिकित्सकों के शंकाओं समाधान किया। नए उपचार की ये पैथी इस देश में पहली बार एम्स नई दिल्ली में आयोजित हो रही है। कार्यक्रम में प्रभारी अधिष्ठाता एवं अस्पताल अधीक्षक डॉ.जयंती चंद्राकर, उप अस्पताल अधीक्षक डॉ. कुलदीप संघा, फिजियोलॉजी के एचओडी डॉ. अतुल एम देशकर एवं वरिष्ठ चिकित्सा शिक्षक डॉ. पूर्णिमा राज, डॉ नवीन गुप्ता, डॉ लिपि चक्रवर्ती,डॉ. करण सिंह चंद्राकार, डॉ. शैली चंद्राकार,, डॉ. के. सृजन, डॉ. रूपेश अग्रवाल, डॉ. राजेश सिंघल डॉ. वर्तिका सिंह , डॉ. चाहत, डॉ. रजत, डॉ.अजय एवं डॉ. गरिमा उपस्थित रहे। डॉ. शशिकांत स्वर्णकार ने सभी अतिथियों व प्रतिभागियों व साहियोगियों को धन्यवाद ज्ञापित किया।