कांकेर

कांकेर लोकसभा क्षेत्र में हवा का रूख 1998 से भाजपा के पक्ष में
15-Apr-2024 2:47 PM
 कांकेर लोकसभा क्षेत्र में हवा का रूख 1998 से भाजपा के पक्ष में

आजादी के बाद से  6-6 बार जीत कर कांग्रेस और भाजपा बराबरी पर

2024 का चुनाव होगा काफी महत्वपूर्ण

हरिलाल शार्दूल

काकेर,15 अप्रैल (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)। कांकेर लोकसभा क्षेत्र में 1998 से भाजपा के पक्ष हवा चल रही है।  आजादी के बाद अब तक हुए चुनाव परिणाम को देखा जाए तो भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस 6-6 बार कांकेर लोकसभा जीत कर बराबरी पर है। एक-एक बार भारतीय जनसंघ और जनता पार्टी के खाते में गई है यह लोकसभा सीट। अब तक के हुए चुनाव की सीरीज में बढ़त के लिए 2024 का यह चुनाव निर्णायक होगा।

अनुसूचित जनजाति  के लिए आरक्षित कांकेर लोकसभा की यह सीट काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है। 1967 में अस्तित्व में आई इस सीट में पहली बार भारतीय जनसंघ के प्रत्याशी त्रिलोकशाह लाल प्रियेंद्र शाह सांसद चुने गए थे। वहीं 1977 में जनतापार्टी के अघन सिंह ठाकुर सांसद बने।

बाकी सभी चुनावों में कांग्रेस और भाजपा के ही बीच सीधे टक्कर रही है। जहां 6 बार कांग्रेस प्रत्याशी जीते वहीं 6 बार भारतीयजनता पार्टी से सांसद चुने गए हैं। 

कांकेर लोकसभा क्षेत्र की यह सीट 1977 को छोड़ कर 1971 से 1996 तक कांग्रेस के पास रही है। उसके बाद 1998 से 2019 तक के हुए चुनावों में भारतीय जनता पार्टी का परचम लहरा रहा है।

इस तरह 1998 से लगातार भाजपा के पक्ष में माहौल बना हुआ है। इस समय मौजूदा सांसद भारतीय जनता पार्टी के  मोहन मंडावी हैं।   इस बार भारतीय जनता पार्टी ने भोजराज नाग को अपना प्रत्याशी बनाया है ।

चौंकाने वाला रहा है 2019 का परिणाम
2019 के  चुनाव में मोहन मंडावी ने कांग्रेस प्रत्याशी  बीरेश ठाकुर को कड़े मुकाबले में मात्र 6,914 वोटों से हराया था। 2019 का परिणाम चौंकाने वाला रहा है , क्योंकि कांकेर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले आठ विधानसभा क्षेत्रों सिहावा, संजारी बालोद, डौंडी लोहारा, गुंडरदेही, अंतागढ़, भानुप्रतापपुर, कांकेर और केशकाल सभी में कांग्रेस के विधायक चुने गए थे। वहीं प्रदेश में कांग्रेस की सरकार रही है। इसके बावजूद भाजपा प्रत्याशी की जीत हुई। जबकि 2024 की  परिस्थिति इससे भिन्न है। इस बार प्रदेश में भाजपा की सरकार है, वहीं इस लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले आठ में से तीन विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के विधायक हैं।

2019 के चुनाव में भाजपा प्रत्यासी मोहन मंडावी 5 लाख 46 हजार 233 मत मिला था। जो कुल हुए मतदान का 47.1 प्रतिशत है।  वहीं  कांग्रेस प्रत्याशी  बीरेश ठाकुर को 5 लाख 39 हजार 319 मत मिला था, जो कुल मत का 47 प्रतिष रहा है। इस तरह केवल 1 प्रतिषत वोट के अंतर से मात्र 6हजार 9 सौ 14 वोटों से भाजपा प्रत्याशी मोहन मंडावी की जीत हुई थी।  

1998 से चल रही भाजपा के पक्ष में लहर
1998 से कांकेर लोकसभा क्षेत्र में भाजपा की जो लहर चल रही है। इससे तो अब  कांकेर को भाजपा  का गढ़ माना जाने लगा है।  1998 से 2009 तक भाजपा के सोहन पोटाई लगातार चार बार सांसद चुने गए थे।   2014 में पार्टी ने विक्रम उसेंडी को प्रत्याशी बनाया था, और उनकी जीत हुई थी।  2019 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के रूप् में विजयी हुए मोहन मंडावी मौजूदा सांसद हैं।  भारतीय जनता पार्टी ने इस बार भोजराज नाग पर दांव लगाया है।

खिसकता जा रहा कांग्रेस का जनाधार
कभी कांग्रेस का गढ़ रहा कांकेर लोकसभा क्षेत्र से जनता का मोह भंग होता जा रहा है। क्षेत्र से कांग्रेस अपनी जमीन खोते जा रही है। वहीं 1998 से लगातार भाजपा की स्थिति मजबूत होते जा रही है।  आजादी के बाद 1967 में अस्तित्व में आई इस  सीट पर भारतीय जनसंघ के टीएलपी शाह  पहली बार सांसद चुने गए थे। 1971 में कांग्रेस के अरविंद विश्रामसिंह, 1977 में जनतापार्टी के अघन सिंह चुने गए। उसके बाद 1980, 1984, 1989 व 1991 में कांग्रेस के अरविंद नेताम सांसद चुने गए। अरविंद नेताम के  बसपा में चले जाने के बाद की उनकी पत्नी छबीला नेताम को 1996 में कांग्रेस का प्रत्याशी बनाया गया, जिसमेंं उन्हें जीत मिली थी।  उसके बाद 1998, 1999, 2004 व 2009 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी से सोहन पोटाई लगातार  चुने गए थे।  2014 के चुनाव में भाजपा से विक्रम उसेंडी ने कांग्रेस की फूलो देवी नेताम हराकर सांसद चुने गए थे।

लोकसभा चुनाव 2019 का परिणाम
उम्मीदवार            पार्टी      वोट’            वोट प्रतिशत
मोहन मांडवी            बीजेपी      546233          48.23
बीरेश ठाकुर            कांग्रेस      539319          47.62
हरिसिंह सीदर          निर्दलीय    11449            1.01   
सूबे सिंह धुरवा          बीएसपी      10124            0.89
दुर्गाप्रसाद ठाकुर        एपीओआई    6103            0.54
नरेंद नाग              निर्दलीय    5,758            0.51
मथन सिंह मरकम        बीएससीपी    5,586            0.49
घनश्याम जुर्री          जीजीपी      4,471            0.39
उमाशंकर भंडारी        एसएस      3,437          0.3

इतिहास के आईने में एक नजर:-
1967- त्रिलोकशाह लाल प्रियेन्द्र शाह - भारतीय जनसंघ
1971- अरविन्द नेताम- कांग्रेस
1977- अघन सिंह ठाकुर- जनता पार्टी
1980- अरविन्द नेताम- कांग्रेस
1984 - अरविन्द नेताम-कांग्रेस
1989- अरविन्द नेताम-कांग्रेस
1991- अरविन्द नेताम- कांग्रेस
1996- छबीला नेताम- कांग्रेस
1998- सोहन पोटाई- भाजपा
1999- सोहन पोटाई- भाजपा
2004- सोहन पोटाई - भाजपा
2009- सोहन पोटाई- भाजपा
2014- विक्रम उसेंडी - भाजपा
2019- मोहन मंडावी - भाजपा

 

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news