राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 15 अप्रैल। पूर्व मुख्यमंत्री और राजनांदगांव संसदीय क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी भूपेश बघेल ने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह खैरागढ़ की चुनावी सभा में राज्य की भाजपा सरकार के कारनामों को छिपाकर बड़े-बड़े झूठ बोलकर चले गए। उन्होंने महादेव ऐप के बारे में तो ढ़ेर सारी बातें की, लेकिन यह नहीं बताया कि अब जबकि डबल इंजन की सरकार है तो महादेव ऐप क्यों चल रहा है? उन्हें बताना चाहिए कि भाजपा ने महादेव ऐप को चालू रखने के लिए चलाने वालों से कितना चुनावी चंदा लिया है?
श्री बघेल ने कहा कि महादेव ऐप पर कार्रवाई तो कांग्रेस की सरकार ने की थी और केंद्र की भाजपा सरकार से अनुरोध किया था कि महादेव ऐप को बंद कर उसके संचालकों को गिरफ्तार कर ले, लेकिन गिरफ्तारी तो दूर की बात, केंद्र सरकार ने महादेव ऐप को बंद तक नहीं करवाया।
उन्होंने पूछा कि क्या वजह है कि महादेव सट्टा ऐप अभी भी बिना रोक-टोक चल रहा है, तो भाजपा ने उनसे कितना चंदा लिया है? श्री बघेल ने कहा कि अगर वे सच में सट्टेबाजी के खिलाफ होते तो केंद्र की भाजपा सरकार सट्टेबाजी पर जीएसटी वसूलकर उसे कानूनी रूप नहीं देती। उन्होंने कहा है कि राजनीतिक रूप से भाजपा लड़ नहीं पा रही है तो बेवजह आरोप लगाकर कांग्रेस को बदनाम करने की साजिश रच रही है।
उन्होंने कहा कि धर्म की बात करने वाले अमित शाह को बताना चाहिए कि उनकी पार्टी की सरकार ने गाय की देखभाल के लिए बने गौठानों को बंद कर दिया, क्यों गोबर की खरीदी बंद हो गई ? और क्या वजह है कि भाजपा की सरकार बनते ही गौ-तस्करी शुरू हो गई और गौ-तस्करी इसी राजनांदगांव जिले के बाघनदी वाली सीमा से हो रही है। अमित शाह को यह भी बताना चाहिए कि यदि वे इतने ही गौ-रक्षक हैं तो उनकी पार्टी ने गौमांस तैयार करने वाली कंपनी से करोड़ों रुपए का चंदा क्यों लिया? अमित शाह पर तमाम तरह के झूठ बोलने का आरोप लगाते उन्होंने कहा कि हमने गंगाजल हाथ में लेकर किसानों की कर्जमाफी और प्रति क्विंटल 2500 रुपए देने का वादा किया था और वह हमने समय पर पूरा कर दिया था।
शराबबंदी को लेकर कोई शपथ हमने नहीं ली थी और हम धीरे-धीरे शराबबंदी की ओर बढ़ रहे थे। श्री बघेल ने कहा कि या तो प्रदेश के भाजपा नेता अमित शाह को सच नहीं बता रहे हैं या फिर अमित शाह आदतन झूठ बोल रहे हैं। तीन साल में नक्सली समस्या हल करने के दावे को आड़े हाथों लेते भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता इस बात की गवाह है कि भाजपा की सरकार बनते ही बस्तर में नक्सली घटनाएं बढ़ गई है।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के पांच साल में नक्सलियों के नाम पर आदिवासियों की प्रताडऩा बंद हो गई थी, पर भाजपा की सरकार आते ही फर्जी एनकाउंटर फिर शुरू हो गए हैं, इसलिए कम से कम भाजपा को नक्सली हिंसा खत्म करने की बात नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा ने पहले अपने केंद्रीय मंत्रियों को विधानसभा का चुनाव लड़वा दिया फिर न मुख्यमंत्री बनाया, न मंत्री और अब वे प्रदेश के एक ताकतवर मंत्री को संसद का चुनाव क्यों लड़वा रहे हैं? उन्होंने कहा कि जनता सब समझती है और एक निष्क्रिय सांसद को मोदी के नाम पर वोट डलवाने की अमित शाह की साजिश का ठीक तरह से जवाब देगी।