रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 15 अप्रैल। छत्तीसगढ़ राज्य में पेंशनरों और कर्मचारियों को महंगाई राहत भत्ता देने के मामले में राज्य के सत्ता में पदारुढ़ भाजपा की विष्णुदेव साय की सरकार पूर्ववर्ती कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार के नक्से कदम पर चल रही है। उनके द्वारा इस मामले में विधान सभा चुनाव में केन्द्र के देय तिथि व दर से डीए डीआर देने देने की मोदी की गारंटी को भी धता बताने पर हैरानी जाहिर किया है। उक्त जानकारी जारी विज्ञप्ति में देते हुए छत्तीसगढ़ राज्य संयुक्त पेंशनर फेडरेशन के प्रदेश संयोजक एवं भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ प्रदेश के प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र नामदेव ने आगे बताया है कि भूपेश सरकार ने अपने पूरे 5 साल के कार्यकाल में पेंशनरों और कर्मचारियों को कभी भी केन्द्र सरकार के समान डीए डीआर नहीं दिया और इन पांच सालों में पेंशनरों तथा कर्मचारियों को इसके लिए तरसाते रहे तथा एरियर के करोड़ों रुपए हजम कर गए।
उन्होंने पेंशनरों को डीआर देने हेतु मध्यप्रदेश सरकार के किसी प्रस्ताव को नहीं माना। जिसका खामियाजा कांग्रेस सरकार को विधानसभा चुनाव मे भुगतना पड़ा और सरकार चली गई।आज यही स्थिति विष्णुदेव साय के भाजपा सरकार में भी देखने को मिल रहा है।
छत्तीसगढ़ प्रगतिशील पेंशनर कल्याण संघ के प्रांताध्यक्ष आर पी शर्मा, छत्तीसगढ़ पेंशनधारी कल्याण संघ के प्रांताध्यक्ष डॉ डी पी मनहर, पेंशनर्स एसोशियेशन छत्तीसगढ़ के प्रांताध्यक्ष यशवंत देवान, भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष जे पी मिश्रा तथा छत्तीसगढ़ पेंशनर समाज के अध्यक्ष ओ पी भट्ट ने मुख्य सचिव व अन्य जिम्मेदार अधिकारियों पर छत्तीसगढ़ राज्य में पेंशनरों के महंगाई राहत के मामलें में मुख्यमन्त्री को गुमराह कर रहे हैं।