राजनांदगांव

हवन के बाद जोत-जंवारा का विसर्जन
17-Apr-2024 1:40 PM
हवन के बाद जोत-जंवारा का विसर्जन

जस गीत से भक्तिमय माहौल

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 17 अप्रैल।
चैत्र नवरात्र की नवमीं पर बुधवार को जोत-जंवारा का विसर्जन का सिलसिला शुरू हो गया। 
जसगीत से भक्तिमय माहौल के बीच अलग-अलग क्षेत्रों से जोत-जंवारा लेकर श्रद्धालु तालाब व सरोवरों में विसर्जन करने का सिलसिला शुरू हो गया। इससे पहले अष्टमी अवसर पर मंगलवार को दोपहर से देर रात तक हवन का दौर चला। हवन में लोग सपरिवार शामिल हुए। मंदिरों में आयोजित हवन में शामिल होकर लोगों ने पूर्णाहूति दी। वहीं परिवार की खुशहाली की कामना लिए भक्तों ने विधिवत पूजा-अर्चना की।

बुधवार को भी लोगों का मंदिरों में पहुंचने का क्रम जारी रहा। वहीं हवन के पश्चात बुधवार को सुबह से जोत जंवारा का विसर्जन का क्रम शुरू हो गया। इससे शहर के जलाशयों व तालाबों के मार्ग में जोत विसर्जन का क्रम जस गीत की धुन में सुबह से ही बने रहने से भक्तिमय माहौल बना हुआ है। इसके साथ ही नवरात्र पर्व पर उपवास रखने वाले भक्तों ने सुबह मंदिरों में पहुंचकर मां की पूजा-अर्चना कर उपवास का समापन किया। 

इससे पूर्व नवरात्र पर्व पर धार्मिक अनुष्ठानों के अलावा जिलेभर में विविध धार्मिक आयोजन किए गए। 
इधर, मंगलवार को अष्टमी हवन के लिए मंदिरों व जोत जंवारा वाले घरों में सुबह से ही तैयारियां पूरी की थी और दोपहर बाद से देर रात तक हवन का आयोजन किया गया। हवन में आहुति देने श्रद्धालु मंदिरों व घरों में श्रद्धा के साथ पहुंचे और आहूति डाली। ज्ञात हो कि गत् 9 अप्रैल से चैत्र नवरात्र पर्व के प्रारंभ होते ही जिलेभर में मातारानी के जयकारे मंदिरों में गंूजते रहे। 

जिला प्रशासन ने भी डोंगरगढ़ मेला में पहुंचने वाले लोगों के लिए सडक़ों को वन-वे कर पदयात्रियों को सुविधा दी थी। वहीं समाजसेवी संस्थाओं ने भी पदयात्रियों की सुविधा के लिए जगह-जगह सेवा पंडाल लगाए हुए थे, जहां पदयात्रियों के लिए चिकित्सा सुविधा, विश्राम की सुविधा, चाय-नाश्ता समेत अन्य सुविधाएं मुहैया कराई थी। 

मंगलवार को देर रात तक मंदिरों में हवन संपन्न होने के बाद बुधवार सुबह से ही जोत विसर्जन का क्रम शुरू हो गया। वहीं चिलचिलाती धूप व गर्मी से बचने के मंदिर समिति व भक्त सुबह से ही विसर्जन करने सरोवरों की ओर पहुंचे। यहां विधि-विधान से ज्योति कलश विसर्जित किया गया। 

नवरात्र पर्व के दौरान मंदिरों में जसगीत के माध्यम से मातारानी को प्रसन्न करने का क्रम भी चलता रहा। नवरात्र पर्व के दौरान ट्रेनों में भी डोंगरगढ़ मां बम्लेश्वरी के दर्शन करने के लिए भी छत्तीसगढ़ राज्य के अलग-अलग जिलों के अलावा अन्य राज्यों के श्रद्धालु भी पहुंचकर मातारानी के दर्शन किए। इसके अलावा जिले के डोंगरगढ़ स्थित मां बम्लेश्वरी के ऊपर व नीचे मंदिर तथा मां करेला भवानी मंदिर समेत शहर के मां पाताल भैरवी, शीतला मंदिर, पुराना बस स्टैंड स्थित मां काली मंदिर, ब्राह्मणपारा स्थित मां काली मंदिर समेत अन्य मंदिरों में नवरात्र प्रारंभ होने पर ज्योति कलश जगमगाते रहे। 

इधर, आज रामनवमी पर्व के अवसर पर शहर के अधिकांश क्षेत्रों से जोत जंवारा का विसर्जन का क्रम चलता रहा। वहीं नवरात्र पर्व को लेकर शहर के अधिकांश क्षेत्रों में भंडारा का भी आयोजन किया जा रहा है।
 

 

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