गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 17 अप्रैल। चैत्र नवरात्रि के नवमें दिन बुधवार को जोत जवारा का विसर्जन किया गया।
नौ दिनों तक मातारानी की आस्था व विश्वास के प्रतीक जोत जवारा की विसर्जन यात्रा गाजे-बाजे के साथ स्थानीय देवानीन तालाब के लिए निकली। पारंपरिक सेवा जसगीत की धुन पर माता भक्त झूमते नाचते गाते श्रद्धालुओं ने नम आंखों से विदाई दी।
चैत्र नवरात्रि पर नगर स्थित शीतला मंदिर में श्रद्धालुओं द्वारा 221 मनोकामना जोत प्रज्वलित किये गए थे। बुधवार को नवमी पर शीतला मन्दिर से अपने-अपने मनोकामना ज्योति कलश लेकर कतारबद्ध भक्त जसगीत सेवा गाजे-बाजे के साथ स्थानीय देवानीन तालाब के लिए निकले। पारंपरिक सेवा जसगीत की धुन पर माता भक्त झूमते नाचते आगे बढ़ रहे थे।
माता भक्तों की भारी भीड़ काली माता मंदिर से शीतला तालाब तक बनी हुई थी। भक्तों ने नम आंखों से माता रानी के आस्था के प्रतीक जोत जवारा को अंतिम विदाई दी।