बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 18 अप्रैल। ग्राम-मोहलाई निवासी युवक का विवाह सहसपुर लोहारा की एक बालक और बालिका के बाल विवाह को चाइल्ड हेल्पलाइन 1098, जिला बाल संरक्षण इकाई, महिला व बाल विकास विभाग और पुलिस विभाग की संयुक्त टीम ने रुकवाया।
जानकारी के मुताबिक ग्राम मोहलाई में मांडले परिवार के एक बालक का बाल विवाह कराने उसकी बारात सहसपुर लोहारा, जिला कबीरधाम से निकल गई थी। सूचना के बाद टीम ने ये कार्रवाई की। बालक के परिजनों ने कानून की जानकारी नहीं होने की कही बात चाइल्ड हेल्पलाइन, जिला बाल संरक्षण इकाई कबीरधाम से समन्वय बनाकर इस संबंध में जानकारी दी गई। बालक के परिजनों ने निर्धारित आयु पूर्ण होने के बाद ही विवाह के लिए अपनी सहमति प्रदान की और शादी रोक दी गई। बालक के परिजनों ने कहा कि उन्हें नहीं मालूम था कि कानून के तहत 18 वर्ष से कम आयु की बालिका व 21 वर्ष से कम आयु के बालक का विवाह गैर कानूनी है।
वर-वधु की शादी कानून के अनुसार करने ली शपथ
टीम की समझाइश के बाद वधु पक्ष ने बालिका का विवाह वर्तमान में मौजूदा कानून के तहत करने की शपथ ली। उन्हें बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के प्रावधानों के बारे में बताया गया कि निर्धारित आयु पूर्ण होने के पूर्व विवाह करवाना अपराध है।
बाल विवाह कराने वाले वर एवं वधु के माता-पिता, सगे-संबंधी, बाराती, विवाह कराने वाले पुरोहित, बैंड बाजा, हलवाई व टैंट वालों पर भी कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। जो व्यक्ति ऐसा करता या कराता है या विवाह में सहयोग प्रदान करता है, तो उसे भी 2 वर्ष तक कठोर कारावास या एक लाख रुपए का जुर्माना अथवा दोनों से दंडित किया जा सकता है।