बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा,18 अप्रैल। जिले में बाल विवाह को रोकने के लिए कलेक्टर रणबीर शर्मा ने विभागीय अधिकारियों को पत्र जारी कर कार्यवाही करने के निर्देश दिए है।
कलेक्टर द्वारा सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 की जानकारी देते हुए बताया कि बाल विवाह केवल एक सामाजिक बुराई ही नहीं अपितु कानूनन अपराध भी है। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अंतर्गत बाल विवाह कराने वाले सभी सेवा प्रदाताओं पर भी कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। इसके अतिरिक्त वर या कन्या बाल विवाह पश्चात विवाह को शून्य घोषित करने के लिए आवेदन कर सकते है।
बाल विवाह के कारण बच्चों में कुपोषण, शिशु मृत्यु दर के साथ घरेलू हिंसा में भी वृद्धि होती है। ग्राम में विवाह संबंधी पंजी संधारित करें, कलक्टर ने कहा कि जिले में बाल विवाह की रोकथाम के लिए कार्ययोजना बनाई गई है। रामनवमी एवं अक्षय तृतीया पर बडी संख्या में विवाह होते है इन अवसर पर बाल विवाह भी हो सकते है। इस समय खास नजर रखें।
बाल विवाह रोकने करें ये पहल
कलेक्टर नें कहा कि प्रत्येक ग्राम पंचायत के ग्रामों के कोटवार द्वारा बाल विवाह नहीं करने, बाल विवाह कानूनन अपराध होने के संबंध में मुनादी कराई जाए। इससे सभी ग्रामीण जनों को पता चले की बाल विवाह करना अपराध है।
इस संबंध में महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी चन्द्रबेश सिंह सिसोदिया एवं जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी सी.पी.शर्मा द्वारा सभी परियोजना अधिकारी एवं सेक्टर पर्यवेक्षक, जिला बाल संरक्षण इकाई,चाइल्ड हेल्पलाईन की बैठक लेकर सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सचेत रहने एवं प्रचार-प्रसार के लिए निर्देशित किये है।बाल विवाह की रोकथाम के लिए सूचना तंत्र का प्रभावी होना अत्यंत आवश्यक है। जिले में कहीं पर भी बाल विवाह तय होने की सूचना मिलते ही प्रशासन को संबंधित परिवार को समझाइश देकर बाल विवाह रोकना है एवं बाल विवाह कि जानकारी प्राप्त होने पर चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 एवं जिला बाल संरक्षण इकाई के संपर्क 8319141116, 8269844404 इन नंबर पर सूचना दी जा सकती है।