महासमुन्द

घर बैठे मतदान कर लोकतंत्र में अनिवार्य भागीदारी का सपना साकार
19-Apr-2024 2:35 PM
घर बैठे मतदान कर लोकतंत्र में अनिवार्य भागीदारी का सपना साकार

बुजुर्गों-दिव्यांगों ने कहा होमवोटिंग सपना जैसा लग रहा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

महासमुंद,19 अप्रैल। लोकसभा निर्वाचन 2024 अंतर्गत लोकसभा संसदीय क्षेत्र 09 के तहत महासमुंद जिले के चारों विधानसभा के दिव्यांगों और 85 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के बुजुर्ग मतदाताओं ने उत्साह और उमंग के साथ कल अपने मताधिकार का प्रयोग कर लोकतंत्र में सहभागिता निभाई।

निर्वाचन आयोग द्वारा घर पर ही मतदान की सुविधा मिलने से मतदाताओं ने खुशी जाहिर करते हुए मतदान दल के अधिकारी-कर्मचारियों का आभार व्यक्त किया। होम वोटिंग हेतु विधानसभा क्षेत्र महासमुंद.42 के लिए 05 रूट, खल्लारी.41 के लिए 09 रूट, बसना.40 के लिए 09 रूट व सरायपाली.39 के लिए 10 रूट निर्धारित किए गए हैं। छूटे हुए मतदाता 20 अप्रैल 2024 को सुबह 8 बजे शाम 5 बजे तक होम वोटिंग कर सकते हैं।

मालूम हो कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा होम वोटिंग की नई सुविधा मिलने पर संसदीय क्षेत्र 9 अंतर्गत महासमुंद जिले के 80 वर्ष से अधिक के आयु के बुजुर्गों तथा चलने.फिरने में असमर्थ दिव्यांगों ने आज अपने मताधिकार का प्रयोग कर लोकतंत्र में अनिवार्य भागीदारी का सपना साकार किया है। इस नई व्यवस्था के तहत जिले के 226 मतदाताओं को होम वोटिंग की सुविधा दी गयी थी।

कल होम वोटिंग के दौरान सरायपाली विकासखंड अंतर्गत ग्राम जोगनीपाली की माया देवी अग्रवाल 85 वर्ष, ग्राम तोरेसिंहा की  उमा 86 वर्ष, ग्राम गढफ़ुलझर के दिव्यांग जगबंधु 19 वर्ष, बागबाहरा विकासखंड अंतर्गत ग्राम लालपुर की केसर कुंवर जैन 104 वर्ष, सुमन देशपांडे 102 वर्ष, सुखो बाई फूलसिंह 85 वर्ष, ग्राम तेंदुलोथा कला की चंदा बाई 94 वर्ष, प्यारी बाई 93 वर्ष, ग्राम नर्रा से घासीदास 86 वर्ष, ग्राम मोखा से सुखधर 85 वर्ष, ग्राम झमला से दिव्यांग दुर्गेश ठाकुर 23 वर्ष एवं पिथौरा विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम सानटेमरी की रविवारी भोई 90 वर्ष जैसे अनेक वरिष्ठजनों और दिव्यांगों ने उत्साहित होकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया।

उन सभी का कहना था कि जब होम वोटिंग की सुविधा नहीं थी तो शारीरिक अस्वस्थता के चलते मतदान केंद्र में पहुंचकर मतदान करना बिलकुल भी असंभव था। सभी ने इस सुविधा के लिए भारत निर्वाचन आयोग के इस होम वोटिंग की नई व्यवस्था की प्रशंसा की।

भारत निर्वाचन आयोग की इस नई व्यवस्था की सराहना करते हुए बागबाहरा की 104 वर्षीय केसर कुंवर जैन ने कहा कि आज उसे अपने घर में ही मताधिकार का सुविधा मिलना किसी सपने का साकार होने जैसा है। उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि अपने इस उम्र के इस पड़ाव एवं शारीरिक अस्वस्थता के कारण इस बार उसे मतदान करने का सौभाग्य भी प्राप्त होगा।

सरायपाली की 85 वर्षीय माया देवी अग्रवाल ने होम वोटिंग कर उत्साहित होकर कहा कि उनके वृद्धावस्था एवं शारीरिक अस्वस्थता के कारण उनके लिए मतदान केंद्र में पहुंचकर मतदान करना बिल्कुल भी संभव नहीं था। लेकिन भारत निर्वाचन आयोग के इस नई व्यवस्था के कारण आज उसे अपने घर में ही मतदान करने का अवसर मिला है। अपने मताधिकार का प्रयोग करने से अब मताधिकार का प्रयोग नहीं कर पाने की कमी नहीं खलेगी।

इसी तरह बागबाहरा विकासखण्ड के ग्राम झमला के 23 वर्षीय दिव्यांग दुर्गेश ठाकुर ने भारत निर्वाचन आयोग की होम वोटिंग की सुविधा की प्रशंसा करते हुए बताया कि दिव्यांग होने के कारण अपने शारीरिक परेशानियों के चलते मतदान केंद्र में पहुंचकर अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर पाते थे। इसके लिए उन्होंने भारत निर्वाचन आयोग को विनम्र आभार व्यक्त किया। इनके अलावा अन्य मतदाताओं ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के इस नई व्यवस्था के कारण उनके जैसे अनेक दिव्यांग तथा चलने-फिरने में असमर्थ बुजुर्गों को अपने मताधिकार का प्रयोग करने में किसी प्रकार की कठिनाई नहीं होगी। वास्तव में यह व्यवस्था देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को सशक्त बनाने में और मतदान प्रतिशत बढ़ाने में कारगर साबित होगा।

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