गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 19 अप्रैल। राजिम अंचल में सैकड़ों किसानों ने ग्रीष्म कालीन हरुना धान किसानों ने सिकासार जलाशय से सिंचाई के भरोसे बोई हुई है। इससे अधिक एरिया में स्वयं के सिंचाई साधन बोर के पानी से बोई हुई है। जैसे ही गर्मी अपना रौद्र रूप दिखा रहा है, बिजली व्यवस्था चरमरा गई है।
बिजली कटौती और लो वोल्टेज से खासकर ग्रामीण इलाकों के लोग ज्यादा परेशान हैं। पंप से सिंचाई करने वाले किसानों का पंप लो वोल्टेज के चलते नहीं चलने से फसलों को पानी नहीं मिल पा रहा है। धान के पौधे जहां मुरझा रहे हैं, वहीं तनाछेदक से धान की बालियां नष्ट हो रही है। कीट प्रकोप और बीमारियों के चलते किसान परेशान हो गए हैं। तरह-तरह के दवा का छिडक़ाव कर रहे हैं। बावजूद इसके बीमारी कम नहीं हो रही है।
क्षेत्र के ग्राम कोमा, कुम्ही, पितईबंद, रांवड़, दुतकैया, नवागांव, बुढ़ेनी, छोटा, सोठ, परसदा, पारागांव, सिंधौरी, किरवई के किसानों ने बताया कि कृषि विस्तार अधिकारी का कहीं कोई अता पता नहीं है। मुख्यालय में रहते नहीं है। उच्चाधिकारियों का इस ओर ध्यान नहीं है। मुख्यालय में रहते तो फसलों की सुरक्षा, कीट प्रकोप को नियंत्रित करने सुझाव देते। फसल का उत्पादन बढ़ाने किसानों को सुझाव देते। क्षेत्र के किसानों ने जिलाधीश से कृषि विस्तार अधिकारियों को अपने अपने मुख्यालय में रहने के लिए निर्देशित करने की मांग की है।