दन्तेवाड़ा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दंतेवाड़ा, 5 मई। जिला मुख्यालय के जिला अस्पताल में विगत दो महीनों से प्रारंभ हुई टेलीमेडिसिन की नवीन चिकित्सा सेवा जिसे ‘‘ई-संजीवनी साथी’’ कहा जा सकता है। दूर दराज के मरीजों के लिए एक हमदर्द साबित हो रहा है। केवल एक वीडियो कॉल के माध्यम से चिकित्सकों द्वारा मरीजों से सीधे रूबरू होकर उनके रोगों के लक्षणों को सुना जाता है।
बीमारियों का सूत्र पकड़ते हुए उचित औषधियों के सेवन का परामर्श, परहेज अथवा सीधे अस्पताल आने की सलाह दी जाती है। इस चिकित्सकीय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का सबसे बड़ा लाभ उन मरीजों एवं उनके परिजनों को हो रहा हैं, जो दूर दराज के क्षेत्रों में निवास करते है।
तुरन्त जिला अस्पताल नहीं पहुंच सकते। टेलीमेडिसिन के जरिये जिला अस्पताल के चिकित्सक प्रतिदिन दो घंटे के लिए मरीजों हेतु उपलब्ध रहते है जहां उन्हें 40 से अधिक ग्रामीण प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों से विडियो कॉल मिलती है। वे लोगों को सीधे चिकित्सकीय परामर्श देते हंै।
मरीजों को रोगों की गम्भीरता का पता चलने के साथ-साथ और उन्हें समय पर उचित इलाज कराने का विकल्प मिल जाता है। इस सुविधा के प्रारंभ होने से ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों को सीधे अस्पताल आने की जरूरत नहीं पड़ती है और वे समय रहते उपचार प्रारंभ करा सकते है। इसके साथ ही उन्हें अस्पताल आने जाने के खर्चे, दूरी, समय की बचत, जैसी सुविधाएं होने के साथ-साथ अस्पताल में भीड़ से हो रही असुविधा का भी सामना नहीं करना पड़ रहा है।
इस संबंध में ग्रामीणों द्वारा अपने निकटतम स्वास्थ्य केन्द्र में जाकर खंड चिकित्सा अधिकारी (सीएचओ), ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक (आरएचओ) से सम्पर्क किया जाता है। जहां जिला अस्पताल द्वारा उपलब्ध कराये गये लिंक के माध्यम से जिला अस्पताल सम्पर्क साधा जाता है और उपलब्ध चिकित्सक मरीजों से परामर्श लेते है। तत्पश्चात चिकित्सको के परामर्श अनुसार उप स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ एएनएम एवं चिकित्सा अधिकारियों मरीजों को निशुल्क दवाई दी जाती हैं।
इस संबंध में अस्पताल में उपस्थित टेली कंसल्टेन्सी पूजा डे एवं आरएमए शत्रुघन सोनी ने बताया कि जिला प्रशासन की इस पहल से वीडियो कॉल के माध्यम से कई मरीजों की बीमारियों की स्थिति का पता समय से पूर्व पता चलने के साथ-साथ उपचार कराने का पर्याप्त समय मिल रहा है।
उन्होंने यह भी बताया कि ग्राम पालनार निवासी एक ग्रामीण के कैंसर के प्रारंभिक स्टेज का पता भी वीडियो कंसल्टेन्सी के माध्यम से मिला और अब ग्रामीण का उपचार प्रारंभ हो चुका है। इस प्रकार अब तक 1 हजार से ज्यादा मरीज इस सुविधा का लाभ ले चुके हैं।
कुल मिलाकर सुदूर ग्रामीण अंचल में रहने वाले आम ग्रामीण के लिए यह सुविधा वरदान है, जो किसी भी प्रकार की शारीरिक अस्वस्थता के चलते जिला चिकित्सालय नहीं आ पाते हैं।