गरियाबंद
![दानवीर भामाशाह जयंती-आदर्श विवाह कार्यक्रम में शामिल हुए पूर्व मंत्री साहू दानवीर भामाशाह जयंती-आदर्श विवाह कार्यक्रम में शामिल हुए पूर्व मंत्री साहू](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/171567857501.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम, 14 मई। पूर्व कृषि मंत्री चंद्रशेखर साहू रविवार ग्राम टोकरो में परिक्षेत्र साहू समाज अभनपुर द्वारा आयोजित दानवीर भामाशाह जयंती,आदर्श विवाह एवं उत्कृष्ठ ग्राम सम्मान समारोह में शामिल हुए।
इस दौरान श्री साहू ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि 1576 में अकबर और महाराणा प्रताप के मध्य हुए हल्दीघाटी के भीषण युद्ध में आगे की लड़ाई लडऩे के लिए महाराणा प्रताप के पास बिल्कुल भी संसाधन नहीं बचे थे। उस कठिन समय में महाराणा प्रताप के मित्र भामाशाह मसीहा बनकर आये। महाराणा प्रताप को दी गई भामाशाह की इस सहायता ने मेवाड़ के आत्म सम्मान एवं संघर्ष को नई दिशा दी और अंत में इस युद्ध में ना तो अकबर जीता और ना ही महाराणा प्रताप हारे।
इसी तरह मृत्यु से पहले भामाशाह ने अपनी संपूर्ण धनसंपदा अपनी पत्नी को सौंप कर कहा कि यह मातृभूमि की रक्षा के लिए दान कर देना। भामाशाह के कहे मुताबिक उनकी पत्नी ने सारा खजाना उस समय के मेवाड़ के शासक महाराणा अमर सिंह को सौंप दिया और इस तरह वीर, दानवीर और दानदाता भामाशाह का नाम इतिहास में सदा के लिए अमर हो गया। हमें गर्व है कि हम ऐसे दानवीर भामाशाह के वंशज हैं।
इसी प्रकार श्री साहू ने आदर्श विवाह आयोजन की प्रशंसा करते हुए कहा कि आदर्श विवाह समारोह के माध्यम से साहू समाज ने पूरे प्रदेश और देश में एक नई मिसाल कायम की है।
यह दहेज जैसी सामाजिक बुराई के विरुद्ध सामाजिक चेतना का एक जीता जागता उदाहरण है, जिसके सकारात्मक परिणाम आज सामने आ रहे हैं। इस सराहनीय आयोजन के लिए परिक्षेत्र साहू समाज अभनपुर प्रशंसा का पात्र है। इस दौरान मानिकचौरी व हसदा के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को गौकरण साहू द्वारा प्रदत्त मोमेंटो प्रदान किया गया व श्री साहू ने उनके उज्जवल भविष्य के लिए उन्हे शुभकामना दी।