गरियाबंद
![धर्मप्रेमी बंधुओं ने घरों के सामने अक्षत, नैवेद्य, श्रीफल व आरती उतार कर श्रद्धा व्यक्त की धर्मप्रेमी बंधुओं ने घरों के सामने अक्षत, नैवेद्य, श्रीफल व आरती उतार कर श्रद्धा व्यक्त की](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/17158537361.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम, 16 मई। ऋषभदेव जैन श्वेताम्बर मंदिर के वार्षिक ध्वजारोहण में अपनी सानिध्यता प्रदान करने हेतु गणाधीश प्रवर विनय कुशल मुनि, पू.नंदीशेण मुनि, दीर्घ तपस्वी आज जिनका 61 उपवास है। ऐसे तप चक्रवर्ती विराग मुनि एवं भव्य मुनि एवं साध्वी जयशिशु विरतियशा श्रीजी एवं विनम्रयशा श्रीजी मसा के नगर आगमन पर सर्वप्रथम नसिया तीर्थ पहुंचने पर सकल जैन समाज के शिखर बाफना, अभिषेक दुग्गड़, डॉ-राजेन्द्र गदिया आदि ने गुरु भगवंतो की अगुवानी की। गुरु भगवंतो ने तीर्थ क्षेत्र का अवलोकन किया एवं आशीर्वाद स्वरुप मंगलाचरण फरमाया।
समाधिस्थल एवं पाश्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर के दर्शन, वंदन करते हुए नगर पदार्पण किया। धर्मप्रेमी बंधुओं ने अपने अपने घरों के सामने अक्षत, नैवेद्य, श्रीफल एवं आरती उतार कर अपनी श्रद्धा व्यक्त की। ऋषभदेव श्वेताम्बर जैन मंदिर पहुंचने पर श्राविकाओं ने मस्तक पर मंगल कलश धारण कर गुरु भगवंतों की अगुवानी की एवं उनका स्वागत जब जयकारों से किया। पूज्य गुरु भगवंतों के माना नगर से विहार से ही स्थानीय विहार सेवा ग्रुप के उर्जावान सदस्यों ने अपने कर्तब्यों का निर्वहन करते हुए प्रशंसनीय सेवाएं दी। पूज्य का प्रवचन प्रतिदिन श्वेताम्बर जैन मंदिर प्रांगण में प्रात: 8.30 बजे से होगा। जिनालय ध्वजारोहण का मंगल विधान आगामी 18 मई शनिवार को संपन्न होगा। जिसके मुख्य आयोजक स्मृतिशेष पुखराज, विजयकुमार, राजकुमार, वीरराज बोथरा परिवार है। राजनांदगांव श्रीसंघ अध्यक्ष मनोज बैद का स्वागत किया गया। सभा का संचालन अभिषेक दुग्गड एवं आभार प्रदर्शन शिखर बाफना द्वारा किया गया।
स्थानीय श्वेताम्बर जैन मंदिर प्रांगण में धर्म सभा में गणाधीश प्रवर विनय कुशल मुनि ने कहा कि परमात्मा का अदभूत जिनशासन हमें प्राप्त हुआ है। शासन मिलने के बाद भी हम अपनी गल्तियों से संसार में भटक गए।
सत्य धर्म मिलने के बाद भी हमने इसे नहीं स्वीकारा और भौतिक सुख साधनों को ही बढ़ाने का प्रयास किया। यह जीव अनादिकाल से भटक रहा है क्योंकि धर्म हमारे हृदय में उतरा ही नहीं। अनादिकाल से कर्मों का आवरण हमारी आत्मा में छाया हुआ है। सभा में दीर्घ तपस्वी विराग सागर ने कहा कि इस मनुष्य जीवन में सौभाग्य से भगवान महावीर का शासन मिला है यहां हर आत्मा परमात्मा बन सकती है परंतु हम पुरुषार्थ नहीं करते और भौतिक साधनों में ही सच्चा सुख मानते हैं। धर्मसभा में अर्हम बहु मंडल एवं पायल बाफना ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया एवं गुरु भगवंतो के आगमन को संघ का सौभाग्य बताया।