रायपुर
![रायपुर वन वृत्त में लगभग 400 दैवेभो को बजट का हवाला देते हुए हटाया जा रहा! रायपुर वन वृत्त में लगभग 400 दैवेभो को बजट का हवाला देते हुए हटाया जा रहा!](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1715943480G_LOGO-001.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 17 मई। छत्तीसगढ़ में शासन को आबकारी विभाग के बाद सबसे बड़ा राजस्व देने वाला विभाग है तो वन विभाग जहां पर रायपुर वन वृत्त में मुख्य वन संरक्षक ने बजट का हवाला देते हुये 400 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी व दैनिक श्रमिकों को प्रभावित करने का काम किया है।
दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष अरविंद वर्मा ने कहा कि सीमित मात्र का स्वीकृति प्रदान कर रहे है जिससे वरीष्ठ दैनिक वेतन भोगी को कार्य से पृथक होने का डर सता रहा है, पूर्ववर्तिय सरकार ने श्रमायुक्त दर में कार्य करने वाले उच्च कुशल,कुशल, अर्धकुशल,अकुशल श्रमिकों को 4,000 रूपया श्रम सम्मान राशि देने कि घोषणा किये और माह अगस्त 2023 से ही भुगतान करते हुए आ रहा है किन्तु रायपुर मुख्य वन संरक्षक राजु आगासमनी ने श्रमायुक्त दर में कार्य करने वालें श्रमिकों के वेतन कटौती कर संविदा के समतुल्य वेतन प्राप्त करने वाले जाबदर में कार्यरत प्रोग्रामर,सहायक प्रोग्रामर,डाटा एन्ट्री आपरेटर,कम्प्युटर आपरेटर कर्मचारियों के वेतन में 4,000 रूपया बढ़ोतरी करने का आदेश जारी कर दिया है जो शासन के नियमों के विपरीत है! और यह 4,000 रूपया बढ़ोतरी केवल रायपुर स्थित कार्यालयों के लिये है करके इस प्रकार के आदेश जारी करके शासन प्रशासन के मुह में तमाचा मारने जैसा कार्य किया गया है! एक तरफ दैनिक वेतन भोगी वेतन के लिये बेहाल हैं तीन तीन माह से वेतन भुगतान नही किये है।
वही दुसरी तरफ मुख्य वन संरक्षक रायपुर ने मनमानी चरिका से बजट में कटौती कर श्रमिकों को हटाने के लिये दिशा दिखा दिये है।भाजपा सरकार के मंत्री व बड़े बड़े नेता पदाधिकारी नियमितीकरण प्रक्रिया आरंभ कर रहे है तो वही दुसरी तरफ विभाग के आला अधिकारी छटनी करने के लिये भिड़े हुए है।
उक्त समस्या को लेकर संगठन के पदाधिकारियों वन मंत्री , मुख्यमंत्री,वित्त मंत्री,सामान्य प्रशासन विभाग,वन विभाग के सचिवों से मुलाकाल किया है ,240 करोड़ रूपया जो पुरे छत्तीसगढ़ के 50 हजार दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के लिए घोषणा किये हुये है! लेकिन संविदा के समतुल्य वेतन प्राप्त करने वाले को 4,000 श्रम सम्मान राशि भुगतान कर श्रमिको के हक में डांका डाला जा रहा है,संगठन के पदाधिकारियों ने मंत्री व सचिवों से मिलकर उक्त बढ़ोतरी किये गये वेतन पर ब्रेज लगाने हेतु चर्चा किये है जिस पर आश्वासन भी मिला है कि जो जाबदर वालों 4,000? श्रम सम्मान राशि दे रहे है वह पूर्त :गलत है!
महासमुंद वन मंडल में 250 से उपर श्रमिक कार्यरत है उसके बाद भी मुख्य वन संरक्षक रायपुर नें केवल 69 दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों की स्वीकृति दिया जिसमें 156 लोग प्रभावित हो रहे है!
10 से 15 साल काम करने के बाद भी विभाग के लोगों को कार्य नही दिया जा रहा है और लगातार खट्नी खटनी का आदेश जारी कर रहे है! अभी तक तीन तीन माह का वेतन भी नही दिया गया है!