राजनांदगांव
![अवैध खाद-बीज भंडारण और विक्रय पर कार्रवाई अवैध खाद-बीज भंडारण और विक्रय पर कार्रवाई](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1716023948jn__9.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 18 मई। मोहला-मानपुर-अं. चौकी जिले में अवैध खाद-बीज भांडारण एवं विक्रय पर कृषि विभाग ने कार्रवाई की।
मिली जानकारी के अनुसार विगत 3 मई को विकासखंड मोहला के ग्राम हर्रोटोला में 486 बोरी (243 क्विंटल) अवैध जैविक खाद पकड़ा गया था। जिसमें राजस्थान के तीन युवकों द्वारा अवैध रूप से किसानों को खाद बेचने की योजना थी, जिसे कृषि विभाग द्वारा योजना तैयार कर ट्रक सहित वितरण के पूर्व जब्त कर लिया गया है। कार्रवाई के दौरान सुपरवाइजर खाद संबंधित दस्तावेज लेकर जंगल की ओर फरार हो गया। शेष दो युवकों से पूछताछ पर कंपनी द्वारा किसानों को जैविक खाद के बारे में बताकर लिए आर्डर लेने का कार्य किया जाना बताया गया। आर्डर मिलने पर किसानों से एडवांस राशि लेकर घर पहुंच सप्लाई की योजना बनी थी। जैविक खाद के नाम पर किसानों से 1300 रुपए प्रति बोरी की दर से राशि खाद पहुंचाने के समय लिया जाना था, किन्तु कृषि विभाग की सतर्कता से वितरण पूर्व ही अवैध खाद को ट्रक सहित जब्त कर जिला न्यायालय को प्रकरण प्रस्तुत किया गया है।
इसी प्रकार 14 मई को विकासखंड अं. चौकी के ग्राम मेटेपार में जैव उत्प्रेरकों का अवैध भंडारण कर किसानों को विक्रय की योजना थी, जिसे भंडारण होते समय ही कृषि विभाग की टीम द्वारा पकड़ लिया गया। इस प्रकार जिले में राज्य के बाहर की कंपनियों तथा गिरोह सीधे किसानों को अवैध जैविक खाद मनमाना कीमत में बेचकर मुनाफा कमाने के दृष्टिकोण से जिले के सरहदी क्षेत्रों के किसानों को अधिक उत्पादन प्राप्त करने गुमराह कर अपना उत्पाद बेचने की योजना होती है। गुणवत्ताहीन उर्वरक दवाओं तथा बीच के उपयोग से किसानों को लाभ के बजाय नुकसान उठाना पड़ता है।
कृषि उपसंचालक जेएल मंडावी द्वारा जिले के किसानों से अपील किया गया है कि कोई भी किसान अपने निवास गोदाम को किसी प्रकार से अवैध बीज उर्वरक, कीटनाशक, भंडारण हेतु बिना किसी वैध दस्तावेज के न दे तथा न ही बिना किसी पंजीकृत संस्था के खाद, बीज, उर्वरक, दवाओं की खरीदी करें। गांव-गांव घूमकर कृषि आदान विक्रय करते पाए जाने पर कृषि विभाग को तत्काल सुचित करें एवं कंपनियों के नाम से जोडक़र नेटवर्किंग मार्केट के तहत कृषि रसायनों की खरीदी न करें, ताकि किसी भी प्रकार से किसान ठगी का शिकार न हो पाए। सेवा सहकारी समितियों एवं पंजीकृत निजी उर्वरक केन्द्रों में पर्याप्त मात्रा में उर्वरक भंडारण एवं वितरण किया जा रहा है।