रायपुर
![कार्यकर्ता को कोई स्लीपर सेल तो कोई इलेक्शन मटेरियल कह रहा है-संजय कार्यकर्ता को कोई स्लीपर सेल तो कोई इलेक्शन मटेरियल कह रहा है-संजय](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1716041523GLOGO.jpg)
रायपुर, 18 मई। भाजपा प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने प्रदेश के पूर्व मंत्री शिव डहरिया के बयान पर कटाक्ष कर रहे थे, जिसमें डहरिया ने सिरसा (हरियाणा) में प्रचार करने गए कांग्रेस छोडऩे वाले 11 नेताओं को इलेक्शन मटेरियल बताया है।
श्रीवास्तव ने कहा कि कांग्रेस राजनीतिक तौर पर इतनी खोखली हो चुकी है कि कोई अपने ही कार्यकर्ताओं को स्लीपर सेल बताता है तो कोई इलेक्शन मटेरियल। एक परिवार की चाटुकारिता में लगी पूरी कांग्रेस के डीएनए में कार्यकताओं और महिलाओं को इस्तेमाल की चीज समझना रचा-बसा है। यही हाल पूरे घमंडिया गठबंधन का है। श्रीवास्तव ने कहा कि जिन कांग्रेस प्रत्याशी शैलजा के हक में डहरिया अपने कसीदे पड़ रहे हैं, उन्हीं शैलजा को लेकर विधानसभा चुनाव की शिकस्त के बाद हुई घोर अपमानजनक टिप्पणियों पर डहरिया मुँह में दही जमाए क्यों बैठे थे? छत्तीसगढ़ में कांग्रेस शासनकाल में होने वाले बलात्कार को छोटी-मोटी घटना बताकर डहरिया ने जिस राजनीतिक संस्कृति का शर्मनाक प्रदर्शन किया था।
उसे छत्तीसग? भूला नहीं है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेत्री नगमा और लडक़ी हूं, लड़ सकती हूँ के जुमले की पोस्टर गर्ल अर्चना गौतम से लेकर राधिका खेड़ा के साथ तक जिस शर्मनाक संस्कृति का परिचय दिया गया है, वह नितांत शर्मनाक था। अब अपने इंडी गठबंधन के सहयोगी दल आम आदमी पार्टी की सांसद स्वाति मालीवाल के साथ हुई मारपीट को लेकर किसी कांग्रेसी के मुंह से बोल तक नहीं फूट रहे हैं।
श्री श्रीवास्तव ने कहा कि कांग्रेस की महिला नेत्रियों के साथ अवांछनीय व्यवहार हो तो आआपा उसे कांग्रेस का अंदरूनी मामला बताकर चुप्पी साध लेती है और आआपा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट हो गई तो कांग्रेस एक लफ्ज तक नहीं कह रही है। गजब का शर्मनाक तालमेल इस घमंडिया गठबंधन में दिख रहा है। कांग्रेस और घमंडिया गठबंधन में महिलाओं का कोई सम्मान नहीं रह गया है। महिला नेत्रियों का उत्पीडऩ ही विपक्ष की पहचान बन गया है। राधिका खे?ा के कांग्रेस में हुए उत्पीडऩ के बाद अब स्वाति मालीवाल के साथ हुई मारपीट की वारदात ने विपक्ष के महिला विरोधी चरित्र को बेनकाब कर दिया है। असम कांग्रेस की पूर्व विधायक बिस्मिता गोगोई, यूथ कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष अंगकिता दत्ता, पूर्व प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी, महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुष्मिता देव को इसी उत्पीडऩ के चलते कांग्रेस से बरसों पुराना नाता तोडऩे के लिए विवश होना पड़ा। राजद प्रमुख लालू यादव की बहू ऐश्वर्या ने घरेलू हिंसा और मारपीट करके घर से निकालने का आरोप अपनी सास राबड़ी देवी पर लगाया था। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी के एक नेता आसिफ अली पर अपनी पार्टी के पूर्व विधायक की बेटी से करीब पाँच वर्षों तक दुष्कर्म करने और ब्लैकमेल कर 6 करोड़ रुपए वसूलने का आरोप है। महिला मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस के एक नेता शाहजहाँ शेख ने तो संदेशखाली में महिलाओं के साथ वर्षों तक दुष्कर्म करके अमानवीयता और दरिंदगी का पूरा काला अध्याय ही रच डाला है। लेकिन मजाल है कि घमंडिया गठबंधन का कोई भी दल इन मामलों पर अपनी चुप्पी तोडऩे का साहस दिखाया हो। दरअसल कांग्रेस समेत इंडी गठबंधन में महिलाओं के न तो सम्मान की अहमियत है और न ही इन विपक्षियों से महिलाओं के साथ न्याय की उम्मीद की जा सकती।
श्री श्रीवास्तव ने कहा कि हजारों लोगों ने छत्तीसगढ़ समेत पूरे देशभर में कांग्रेस का दामन छोड़ दिया है, चुनाव लडऩे के लिए जिस कांग्रेस को प्रत्याशी तक नहीं मिल रहे हैं, सरकारी जमीनों पर कांग्रेस शासनकाल में नजरें गड़ाए बैठे डहरिया उस कांग्रेस के खत्म हो चुके जनाधार की कुंठा में अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं। भाजपा ने महिलाओं के सामाजिक, पारिवारिक, आर्थिक और राजनीतिक सशक्तीकरण की दिशा में जो सार्थक निर्णय लिए हैं, उससे न केवल छत्तीसगढ़, अपितु पूरे देश की मातृशक्ति भाजपा पर अपना पूरा भरोसा पिछले दो लोकसभा चुनावों में जता चुकी है और इस लोकसभा चुनाव में तो वही कार्यकर्ता और मातृशक्ति कांग्रेस को इतिहास के कूड़ेदान में डालने जा रही है, जिन्हें कभी भूपेश बघेल स्लीपर सेल और कभी डहरिया इलेक्शन मटेरियल बता रहे हैं और कांग्रेस में कदम-कदम पर जिनके अपमान की रोज एक कलंक कथा रची जा रही है।