सरगुजा
![अस्पताल चारों ओर से असुरक्षित, खोले गए चार एंट्री गेट, पीछे की ओर खुला सार्वजनिक मार्ग अस्पताल चारों ओर से असुरक्षित, खोले गए चार एंट्री गेट, पीछे की ओर खुला सार्वजनिक मार्ग](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1716041867-0022.jpg)
वाहन चोरी की घटनाएं भी बढ़ी, विधायक ने कहा निकालेंगे हल
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबिकापुर,18 मई। चुनाव और फंड के चलते मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कई काम में विलंब जरूर हुआ, परंतु वर्तमान में छोटे बड़े लगभग 55 काम कराए जाने का दावा मेडिकल कॉलेज के डीन ने किया है।
अस्पताल में पानी की समस्या को लेकर अंबिकापुर विधायक राजेश अग्रवाल औचक रूप से मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे। अस्पताल में पानी की समस्या को लेकर अधिकारियों से चर्चा की।
पत्रकारों से चर्चा करते हुए श्री अग्रवाल ने बताया कि अस्पताल में पानी की समस्या को लेकर व्यवस्था बनाए जाने के लिए कहा गया है। फिलहाल नगर निगम टैंकर से अस्पताल में पानी की कमी दूर की जा रही है।
अस्पताल अधीक्षक ने कहा कि अस्पताल में पानी की समस्या को लेकर नगर निगम को अतिरिक्त पांच नल कनेक्शन लगाए जाने के लिए उनके द्वारा पत्र लिखा गया है। इसके अलावा विधायक श्री अग्रवाल ने कहा कि अगले साल तक अस्पताल में पानी की व्यवस्था अमृत मिशन से जुड़ जाएगी।
अस्पताल में चार-चार एंट्री गेट और पीछे से सार्वजनिक मार्ग होने से अस्पताल की सुरक्षा को लेकर किए गए सवाल पर उन्होंने कहा कि आप लोगों के द्वारा यह बात संज्ञान में लाई गई है, इस पर चर्चा कर जल्द ही कुछ हल निकाला जाएगा।
ज्ञात हो कि अस्पताल के दवा वितरण के समीप पहले अस्पताल की एंट्री गेट को बंद करके रखा गया था, जिसे पीछे की ओर से सार्वजनिक मार्ग बनाकर अस्पताल परिसर सहित आने जाने वालों का आवागमन बंद था, परंतु कुछ दिनों से इस एंट्री गेट को खोल देने से अब अस्पताल परिसर के अंदर से ही सार्वजनिक मार्ग में आवाजाही बढ़ गई है, जिससे कभी भी हादसा हो सकता है। एंट्री गेट को खोल देने से वाहनों की चोरी भी बढ़ी है। इसके साथ-साथ निजी पैथोलॉजी के एजेंट भी सक्रिय हो चुके हैं। इसी एंट्री गेट के जरिए शासन के हमर पैथोलैब से मरीज को निजी जांच केंद्र में ले जाने की शिकायत भी सामने आ रही हंै।
15 जुलाई तक एमआरआई मशीन आने की संभावना
मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल डीन डॉ. रमनेश मूर्ति ने बताया कि ट्रामा सेंटर का उन्नयन उनकी प्राथमिकता में है। 14 करोड़ लागत से जर्मनी की लेटेस्ट एमआरआई मशीन यहां 15 जुलाई तक पहुंच जाएगी। इसके लिए 53 लाख का ट्रांसफार्मर भी लगाया जाना है। जिसकी पूरी चर्चा हो चुकी है। इसके अलावा अस्पताल में टॉयलेट की स्थिति ठीक नहीं है, उसमें भी सुधार करवाने का काम किया जा रहा है।