महासमुन्द

सरपंच पर काम कराए बिना फ र्जी बिल से लाखों निकालने का आरोप
21-May-2024 3:08 PM
सरपंच पर काम कराए बिना फ र्जी बिल से लाखों निकालने का आरोप

कलेक्टर से मिले बाराडोली के ग्रामीण, जांच की मांग

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 21 मई।
महासमुंद जिले के ग्राम पंचायत बाराडोली के ग्रामीणों ने कलेक्टर से शिकायत की है कि गांव में विकास कार्य बंद हैं और  सरपंच सचिव हैं कि पर 14 में 15वें वित्त आयोग की राशि से सरपंच ने अपने चिर परिचित, हितैषी एवं सगे संबंधियों के नाम से कोरे कागज में कच्चा फर्जी बिल तैयार कर बिना कार्य किये ही लाखों रुपए का आहरण कर शासन की राशि का दुरुपयोग किया है। 

बाराडोली के ग्रामीण गोविन्द, विशाल, विद्याधर साव, कैलाश साहू, दामोदर साव, विष्णु सागर साव, वेदप्रकाश साहू आदि ने कलेक्टर को दिये शिकायत पत्र में उल्लेख किया है कि गांव में विगत 4 वर्षों से किसी प्रकार का विकास कार्य नहीं हुआ है। फिर भी ग्राम के सरपंच लक्ष्मीशंकर दीवान एवं सचिव श्यामलाल विशाल ने गांव में विकास के नाम पर लाखों रुपए काभ्रष्टाचार किया है। 

ग्रामीणों ने शिकायत में आरोप लगाते लिखा है कि पंचायत के विकास कार्यों हेतु आने वाले 14 में 15 वें वित्त की राशि से सरपंच के द्वारा अपने चिर परिचित, हितैषी एवं सगे चाचा आदि के नाम से कोरे कागज में कच्चा फर्जी बिल तैयार कर बिना कार्य के ही लाखों रुपए का आहरण कर शासन की राशि का दुरुपयोग किया गया है। उन्होंने कुछ कार्यों का भी उल्लेख किया है जिसमें नाली सफाई,कच्चा नाला बंधान, मुरमीकरण, पचरी मरम्मत, लैपटॉप व फोटोकॉपी मशीन खरीदी के अलावा अन्य बिजली सामानों की खरीदी आदि में भारी मात्रा में अनियमितता किए जाने की शिकायत की है। 

ग्रामीणों ने शिकायत में यह भी लिखा है कि पंचायत में बहुत से ऐसे कार्यों का भुगतान किया गया है जिसमें बिना कार्य किये ही लाखों रुपए का फर्जी बिल बनाकर भ्रष्टाचार किया गया है। सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगे जाने पर सरपंच, सचिव ने जो जानकारी दी है, उसमें कई बिल में दिनांक ही नहीं है, तो किसी बिल में राशि सही नहीं है। इसके अलावा सरपंच ने अपने परिचितों, मित्रों, रिश्तेदारों, पड़ोसियों के नाम से कच्चा बिल देकर जानकारी दिया है। जिससे शासन की राशि में जमकर फर्जीवाड़ा प्रतीत होता है। अत: उन्होंने शिकायत करते हुए ग्राम पंचायत बाराडोली के कार्यों की सघन जांच करवा कर दोषी पाए जाने पर उचित कार्यवाही करने की मांग की है।

ग्रामीणों का कहना है कि इससे पहले शिकायत के बाद जनपद पंचायत सरायपाली के अधिकारी जांच में पहुंचे थे और शिकायतकर्ताओं का बयान लेकर बिना जांच किये ही वापस लौट गये। ग्रामीणों ने अधिकारियों पर भी आरोप लगाते हुए कहा है कि उनके द्वारा आधी.अधूरी ही जांच की गई और सही ढंग से शिकायत की पुष्टि किये बिना ही वापस हो गए।
इस संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री हालदार से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पंचायत में कार्य तो हुआ है, लेकिन ग्रामीणों की शिकायत के आधार पर जांच की जा रही है। आधी.अधूरी जांच की बात गलत है। प्रतिवेदन मंगाया गया है। संपूर्ण जांच के पश्चात् ही किसी निर्णय पर पहुंच पायेंगे।

पंचायत सचिव तेजस्वनी का इस मामले में कहना है कि शनिवार को मैं मनरेगा स्थल पर नहीं गयी थी। कल सोमवार को 70-80 मजदूर कार्य कर रहे थे। लेकिन सोमवार को ऑनलाइन हाजरी में 177 मजदूरों की हाजरी चढ़ाई गई है। इस विषय में पिथौरा जनपद सीईओ चंद्रप्रकाश मनहर से फोन पर चर्चा करनी चाही तो मीटिंग मैं हूं कह कर उन्होंने फोन काट दिया।

पंचायत सचिव से खोदी जा रही गोदी की साइज के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जानकारी नहीं है। जबकि उन्होंने यह जरूर बताया कि मजदूरों को किसी-किसी सप्ताह 180 से 220 रुपए दैनिक मजदूरी के दर से रोजगार सहायक द्वारा भुगतान किया जाता है।  रोजी करने वाले, पानी पिलाने वाले मजदूर और मेटों की दैनिक मजदूरी 243 रुपए है। 18 मई शनिवार को अनुपस्थित 120 से ज्यादा मजदूरों का नाम ऑनलाइन हाजिरी में चढ़ाया गया है। ये मजदूर अपना काम पूरा नहीं कर पाये हैं। वहीं 7-8 मजदूर 18 मई को काम पर आये थे। इसके अलावा कार्य स्थल पर मस्टररोल को छोडक़र माप पंजी सहित अन्य दस्तावेज नहीं थे। 

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