महासमुन्द

भौतिक परीक्षण: स्कूलों की 71 बसों में से 21 अनफिट
21-May-2024 3:38 PM
भौतिक परीक्षण: स्कूलों की 71 बसों में से 21 अनफिट

4 वाहन चालकों के पास लायसेंस नहीं, 6 बसों के परमिट खत्म मिले, जुर्माना

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 21 मई।
महासमुंद जिले के 2 स्थानों पर कल स्कूल बसों का भौतिक परीक्षण एवं वाहन चालकों के स्वास्थ्य-नेत्र परीक्षण किया गया। जिला मुख्यालय स्थित परसदा पुलिस लाइन तथा सरायपाली स्थित एकलव्य आवासीय विद्यालय में कल कुल 71 बसें भौतिक परीक्षण के लिए पहुंची थीं। जिसमें से 21 बसें अनफिट तथा 50 बसें फि ट पाई गईं। अनफिट एवम अन्य कंपनी की बसों के विरुद्ध 56600 रुपए का चालान किया गया तथा तत्काल सुधार करने दिए निर्देश दिया गया। जानकारी अनुसार अब 15 दिनों बाद एक बार पुन: स्कूल बसों की जांच की जाएगी। यदि फि र अनफिट मिली तो और कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जो बसें कल भौतिक परीक्षण के लिए नहीं पहुंची थी, उन स्कूलों को नोटिस भेजा गया है। 

मालूम हो कि लंबे समय बाद कल भौतिक निरीक्षण के चलते निजी स्कूलों की पोल खुली है। कल जिले एवं शहर में संचालित सभी स्कूली बसों का भौतिक परीक्षण पुलिस लाइन परसदा एवं हाई स्कूल सरायपाली में किया गया। कुल 71 स्कूल बसों के भौतिक परीक्षण में 21 बसों के 04 वाहन चालक के पास लायसेंस नहीं होने, 10 के पास प्रदूषण प्रमाण पत्र, 06 बसों में परमिट खत्म होने एवं 08 बसों में अन्य कमियां पाए जाने से कुल 56300 रुपए समन शुल्क काटा गया। साथ ही सभी स्कूल बसों के चालक परिचालकों का भी स्वास्थ्य एवं नेत्र परीक्षण किया गया जिसमें 8 बस चालकों को चश्मा लगाने निर्देश दिया गया। साथ ही सभी स्कूल बसों को बताया गया कि बस चालक एवं परिचालक दोनों को वाहन संचालन के दौरान किसी प्रकार की दुर्घटना होने पर तत्काल फस्र्ट एड बॉक्स, अग्निशमन एवं इमरजेंसी डोर चालकों को चश्मा लगाने के निर्देश दिए गए। 

परिवहन कार्यालय महासमुंंद से मिली जानकारी के अनुसार हर बार जब भी भौतिक निरीक्षण किया जाता है, स्कूल बसें संख्या में अनफिट मिलती हैं। इसलिए इस बार चलानी कार्रवाई की गई है। बताया गया कि स्कूल बसों के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार स्कूल प्रबंधन है। कल लाइट, फायर सिस्टम, फस्र्ट एड बॉक्स का भी निरीक्षण किया गया जिसमें लगभग सभी स्कूल बसों में यह ठीक मिले। वाहन चालकों को शराब का सेवन नहीं करने, नशे की हालत में वाहन नहीं चलाने और हमेशा यातायात नियमों का पालन करने समझाया गया। 

भौतिक परीक्षण शिविर में परिवहन कार्यालय से जिला परिवहन अधिकारी आरके ध्रुव, सब इंस्पेक्टर प्रदीप लहरी, सहायक प्रोग्रामर मेशा अनिल पाटिल, असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर मुकेश देवांगन, रामभरोसे निर्मलकर, लखन पटेल व स्टॉफ  तथा सरायपाली में जितेंद्र गुप्ता, नितिन साहू, जिला अस्पताल से नेत्र विशेषज्ञ, स्वास्थ्य विशेषज्ञ एवं यातायात पुलिस महासमुंद के स्टॉफ  उपस्थित रहे। सर्वोच्च न्यायालय के गाइड लाइन के तहत बसों का निरीक्षण किया गया। 

इस दौरान बस चालकों को बताया गया कि 15 दिवस के भीतर खामियां नहीं सुधारा गया तो कड़ी कारवाई की जाएगी। पूर्व में स्कूलों को अनेक बार चेतावनी दी जा चुकी है। स्कूल प्रबंधन को बसों की खामियां सुधारने 15 जून तक समय दिया गया है। यदि 15 जून तक सभी प्रकार की खामियों में सुधार नहीं किया गया तो पुन: जांच के बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के तहत सभी बिंदुओं पर बसों को फीट होना अनिवार्य है।

आदेश दिया गया कि स्कूल बस पीले रंग का हो। बस के अगले एवं पिछले हिस्से में स्कूल बस लिखा हो। बस में प्राथमिक उपचार पेटी आवश्यक रूप से रखा हो। स्कूल बस में स्पीड गर्वनर लगा हो। बसों की खिड़कियों में खड़ी जाली लगी हों। अग्निशमन यंत्र लगा हो। स्कूल का नाम तथा दूरभाष नंबर स्पष्ट पठनीय लिखा हुआ हो। दरवाजे पर डोर लॉक लगा हो। सीट के नीचे बस्ता रखने के लिए प्रर्याप्त एवं सुरक्षित स्थान हो। 

बच्चों को संभालने हेतु प्रशिक्षित सहायक हो। माता, पिता, पालक अथवा स्कूल शिक्षक यात्रा कर यह सुनिश्चित करेंगे कि बस बच्चों के लिए सुरक्षित है अथवा नहीं। स्कूल बस के चालक को भारी यात्री यान चलाने का कम से कम 5 वर्ष का अनुभव हो आदि।

इसके अलावा स्कूली बसों में आने जाने वाले हर एक बच्चों को चढ़ते एवं उतरते समय हमेशा सावधानी के साथ उतारने चढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी गई। 
 

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