दुर्ग

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 21 मई। मार्च माह में हुई ओलावृष्टि एवं बेमौसम बारिश से किसानों के खेतो में लगी फसल को भारी क्षति पहुंची थी मगर आज तक उन्हें मुआवजा एवं फसल बीमा की राशि नहीं मिली है। सिर्फ चना एवं गेहूं की फसल लेने वाले गिनती के कुछ किसानों को बीमा का लाभ मिल पाया है। उदयानिकी फसल वाले किसान तो खरीफ एवं रबी दोनो के फसल बीमा की राशि के लिए बाट जोह रहे हैं। धमधा क्षेत्र के ग्राम खपरी निवासी कृषक लेखराम साहू ने बताया कि उनके खेत में 50 एकड़ में लगी केला, लौकी, गोभी एवं टमाटर की फसल को ओला वृष्टि से नुकसान पहुंचा था, जिसकी उन्होंने टोल फ्री नंबर से बीमा कंपनी को सूचना दी मगर कोई जांच में नहीं आया न ही आज तक उन्हें फसल बीमा की राशि मिली। वहीं आरबीसी 6/4 के तहत मुआवजा भी नहीं मिला।
इसी प्रकार ग्राम परसबोड़ निवासी कृषक नेतराम साहू ने बताया कि उनके 9 एकड़ खेत में लगी चने की फसल ओलावृष्टि एवं बारिश में चौपट हो गया जिसकी टोल फ्री नंबर में सूचना देने पर सिर्फ एक खसरे की जमीन में लगी फसल को क्षति की जांच की सभी की क्षति का लाभ देने की बात कहते बाकी का जांच किए बिना चले गए मगर जिस खसरे की जांच हुई थी उसी की फसल बीमा मिली बाकी का अब तक नहीं मिला।
कृषक दानेश्वर साहू ने बताया कि उनके सहित परसबोड़ के दर्जन भर किसानों को ही चना एवं गेहूं के फसल क्षति होने पर बीमा राशि मिली है, जबकि पूरे गांव के डेढ़ दो सौ किसानों के खेतों में लगी चने एवं गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा है, वहीं उद्यानिकी फसल लेने वाले एक भी किसान को अब तक फसल बीमा की राशि नहीं मिली है। पिछले खरीफ सीजन में भी उदयानिकी फसलों को हुए नुकसान का अब तक बीमा राशि नहीं मिली है, जबकि वित्तीय वर्ष के अनुसार मार्च तक मिल जाना चाहिए।