बालोद
![प्रकृतिप्रेमी विरेन्द्र सिंग की अनूठी पहल प्रकृतिप्रेमी विरेन्द्र सिंग की अनूठी पहल](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1716298408alli-rajhara-709.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दल्लीराजहरा, 21 मई। मैं मृत डैम हूं, बढ़ती गर्मी के कारण आज पूरा देश वर्षा जल की एक-एक बूंद को बचाने प्रयास कर रहा है, लेकिन राजहरा डैम साइड को जीवित करने जिम्मेदार अधिकारी, जनप्रतिनिधियों ने कभी नहीं सोचा। परिणाम स्वरूप मैं आज पूरी तरह से मृत अवस्था में आ चुका हूं।
इस विशाल डैम साइड में 50 वर्ष पूर्व लबालब पानी भरा हुआ था, लोग मुझे पीने और निस्तारी के उपयोग में लाते थे। आसपास वन्य प्राणियों (तेंदुआ, भालू, बंदर, प्रवासी पक्षियों) का डेरा था। अब दल्ली माइंस की फाइंस मिट्टी ने मेरा अस्तित्व समाप्त कर दिया।
नगर के पर्यावरण प्रेमी वीरेंद्र सिंह ने बीएसपी के डैम साइड जो वर्तमान में माइंस की पहाडिय़ों से बहकर आने वाले लौह अयस्क के कणों से पूरी तरह से पट चुका है, जिसमें शव मुद्रा में अपनी व्यथा बताई। बीएसपी के अधिकारियों व नगर के जनप्रतिनिधियों से मुझे फिर से जीवित करने की गुहार लगाई। वीरेंद्र निरन्तर ऐसे ही प्रयासों से जनजागृति का प्रयास करते रहते हैं, जिसके लिए उन्हें अनेक पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। उन्हें पूरे इलाके में ग्रीन कमाण्डो के रूप में जाना जाता है।