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दुर्ग के तीन युवा अपनाएंगे वैराग्य व संयम का मार्ग, 24 से दीक्षा महोत्सव शुरू
22-May-2024 3:29 PM
दुर्ग के तीन युवा अपनाएंगे वैराग्य व संयम  का मार्ग, 24 से दीक्षा महोत्सव शुरू

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 22 मई।
धार्मिक नगरी दुर्ग शहर के एक युवक व दो युवतियों ने संसारिक मोहमाया को त्याग कर वैराग्य व संयम के मार्ग पर चलने का फैसला किया है। मुमुक्षु सौरभ संचेती, मुमुक्षु प्रणिता बाफना, मुमुक्षु शैली बाफना 9 जून को राजस्थान के बेंगू शहर में जैन भागवती दीक्षा ग्रहण करेंगे। इसके अलावा राजस्थान देशनुख निवासी मुमुक्षु सौरभ भूरा भी दीक्षा लेगे। इन चारों मुमुक्षु को परमपूज्य आचार्य प्रवर श्री1008 रामलालजी म.सा. दीक्षा दिलाएंगे। 

मुमुक्षुुओं के इस दीक्षा अवसर को यादगार बनाने दुर्ग में साधुमार्गी जैन संघ द्वारा तीन दिवसीय दीक्षा महोत्सव का आयोजन किया गया हैं। दीक्षा महोत्सव की शुरूवात 24 मई को होगी। पहले दिन संध्या 7 बजे त्रिवेणी संगम के संयम जीवन की अनदेखी यात्रा, 25 मई को संध्या 7 बजे संसार से वैराग्य की ओर विभिन्न मंडलियों द्वारा प्रस्तुति, 26 मई को दोपहर 12.15 बजे स्वामीवात्सल्य, दोपहर 2 बजे अभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया हैं। यह समस्त कार्यक्रम पुरानी गंडमंडी गंजपारा में आयोजित किए गए है। इसके पहले 26 मई को प्रात: 8.30 बजे समता भवन, शिवपारा से शोभायात्रा निकाली जाएगी। यह शोभायात्रा शहर के प्रमुख मार्गो से होकर पुरानी गंजमंडी गंजपारा पहुंचेगी। जहां मुमुक्षुओं का अभिनंदन किया जाएगा। रात्रि 7 बजे चेन्नई से पधारे प्रखर वक्ता सुरेश भाई द्वारा एक युद्ध स्वयं के विरूद्ध विषय पर जैन समाज के लोगों को मार्गदर्शन किया जाएगा। 

दुर्ग शहर में दीक्षा महोत्सव के उपरांत दीक्षा की शेष विधान राजस्थान बेंगू में पूरी की जाएगी। यहां 9 जून को समता भवन में मुमुक्षुओं को शुभ मुहुर्त में जैन समाज के आचार्यो के सानिध्य में जैन भगवती दीक्षा दिलाई जाएगी। दीक्षा ग्रहण करने वाले मुमुक्षु सौरभ संचेती पिता स्व. महावीर संचेती शिक्षक नगर निवासी है। वे 33 वर्ष के है और उन्होंने एम.कॉम. तक की शिक्षा हासिल की हैं। 

इसी प्रकार मिलपारा निवासी मुमुक्षु प्रणिता बाफना पिता बसंत कुमार बाफना 27 वर्ष की हंै। उन्होंने बीसीए का कोर्स किया हैं। दीक्षार्थियों में मुमुक्षु शैली बाफना पिता दिनेश कुमार बाफना ऋषभनगर निवासी सबसे कम उम्र की है। कक्षा 12 वीं तक शिक्षा प्राप्त शैली बाफना ने मात्र 22 वर्ष के उम्र में संयम के मार्ग पर चलने का निर्णय लिया है। दीक्षार्थियों ने चर्चा में बताया कि संयम के मार्ग में जाने की प्रेरणा हमें दीक्षा महोत्सव में शामिल होने से मिली है। उन्होंने कहा कि वैराग्य व संयम के मार्ग पर जरूर कड़ी तपस्या हैं। लेकिन इस मार्ग में जो आनंद की अनुभूति होती है, वह हमें संसारिक जीवन में नजर नहीं आती हैं। हमारे दीक्षा लेने के फैसले से परिवार खुश है। हमारा परिवार अपने आपको गौरांवित महसूस कर रहा है। 

दीक्षा महोत्सव के आयोजक साधुमार्गों जैन संघ दुर्ग ने मुमुक्षुओं के इस पहल की प्रशंसा की हंै। संघ के अध्यक्ष ओमप्रकाश सांखला, उपाध्यक्ष प्रकाश सांखला, धर्मपाल बोथरा, महामंत्री ज्ञानचंद पारख, कोषाध्यक्ष अजय कांकरिया, सहमंत्री रमेश छाजेड, गौतम बांठिया के अलावा अन्य सदस्य दीक्षा महोत्सव की तैयारियों में जुटे हुए हैं।

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