रायपुर
डीपीआई ने कहा मेरी जानकारी में नहीं
सीट आबंटन की ऑनलाइन लॉटरी करते डीपीआई और अधिकारी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 23 मई। राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग में जो न हो सो कम है। इस विभाग ने आरटीई के तहत लॉटरी में उस स्कूल को भी सीट एलाइट कर दिया है जिनकी मान्यता रद्द हो गई है। यह पूरी लॉटरी जिन अफसर संचालक लोक शिक्षण की मानिटरिंग में पूरी हुई उनकी भी जानकारी में यह नहीं है ।
मिली जानकारी के अनुसार 10-12 वीं में डमी एडमिशन की शिकायत पर सीबीएई ने जांच के बाद दो माह पहले 23 मार्च को ही देशभर के बीस समेत रायपुर के द्रोणाचार्य पब्लिक स्कूल और वाइकॉन स्कूल को अपनी मान्यता रद्द कर दी थी । इस आशय की सूचना सीबीएसई ने अपने पोर्टल, दिल्ली रायपुर समेत देश भर के अखबारों में विग्पति जारी कर सार्वजनिक भी किया था। अभी इनकी मान्यता दोबारा नहीं मिली (संभवत: इस सत्र के लिएमिल भी नहीं सकती ) और राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग ने इन्हें आरटीई के तहत सीट अलाट कर दिया है। जानकार लोगों ने बताया कि दो दिन पहले हुई लॉटरी में द्रोणाचार्य पब्लिक स्कूल को छह सीटें अलाट की गई है। यानी अमान्यता प्राप्त स्कूल में बच्चे पढ़ेंगे। सीबीएसई की मान्यता खो चुके इन स्कूलों को लोक शिक्षण संचालनालय ने आरटीई के पोर्टल से न हटाते हुए लॉटरी में भी शामिल कर लिया। जो बिना किसी बड़े अफसर की मिलीभगत के संभव भी नहीं है। विभाग के ही सूत्रों का कहना है कि पूरे डायरेक्टोट से लेकर डीईओ दफ्तर तक एक गिरोह काम कर रहा है। जो स्कूलों की मान्यता से लेकर हर तरह के अनियमित कार्यों को प्रश्रय देता है । इन दोनों स्कूलों को सीबीएसई ने तभी मान्यता दी है जब राज्य का स्कूल शिक्षा विभाग एनओसी देता है । और रद्द करने के बाद इसकी सूचना सीबीएसई ने एक प्रति में राज्य को भी दिया। उसके बाद भी ये स्कूल विभाग के पोर्टल में बने रहे और सीटें आबंटित कर दी गई ।
द्रोणाचार्य पब्लिक स्कूल को 6 सीटे अलाट की गई हैं। इस गड़बड़ी के संबंध में संपर्क करने पर डीपीआई दिव्या मिश्रा ने कहा कि मेरी जानकारी में ऐसी बात नहीं आई है, आप से ही पहली बार सुन रही हूं। हमने कुछ और जानना चाहा तो उन्होंने फोन डिस्कनेक्ट कर दिया। यहां बता दें कि दो दिन पहले ही डीपीआई मैडम की मौजूदगी में ही आरटीई के 19000 सीटों में से 16000 से अधिक सीटें स्कूलों को लॉटरी के जरिए अलाट की गई थी। इनमें ये दोनों स्कूल भी शामिल हैं।
इस वजह से रद्द हुई थी मान्यता
जानकार सूत्रों के मुताबिक द्रोणाचार्य स्कूल में डमी एडमिशन की शिकायत पर सीबीएसई में जांच के लिए एक दल भेजा था। पहले दो बार आए इस दल को स्कूल में बच्चे ही नहीं मिले। प्रबंधन से पूछा, तो बताया गया कि एन्यूअल फंक्शन चल रहा है इसलिए नहीं आ रहा है। तीसरी बार आने पर जांच दल ने स्कूल के दस्तावेजो ं की जांच की, तो डमी एडमिशन का खुलासा हुआ।