बलौदा बाजार

फर्जी सर्टिफिकेट से नौकरी, अब होगी जांच
23-May-2024 7:56 PM
फर्जी सर्टिफिकेट से नौकरी, अब होगी जांच

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बलौदाबाजार, 23 मई। जिले में शिक्षा विभाग में12 वर्षों में फर्जी मेडिकल प्रमाण पत्र बनवाकर नौकरी कर रहे शिक्षक के खिलाफ शिकायत किए जाने के बाद कलेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी को प्रकरण की जांच करने मार्क किया है। इसके बाद शिक्षा विभाग द्वारा इसकी जांच जल्द प्रारंभ कराई जाएगी।

सहायक शिक्षक ऋषि कुमार महिलांग की नियुक्ति कला विषय पर अनुसूचित जाति में शब्द दृष्टि बंधु श्रेणी में शासकीय प्राथमिक शाला नवागांव विकासखंड छुरिया में साल 2012 में हुई थी। चयन प्रक्रिया के समय विभाग द्वारा शारीरिक योग्यता प्रमाण पत्र मंगाया था, जिस पर महिलांग ने विभाग को जो शारीरिक योग्यता प्रमाण पत्र प्रदान किया गया था। उसके  अवलोकन से ज्ञात होता है कि इनके आंख की दृष्टि क्षमता 6.6 यानी सामान्य और दूसरे हाथ की क्षमता कोई प्रकार बोध नहीं है। इस पर दिव्यांग का प्रतिशत महत्व 30 फीसदी आता है। शासकीय विभाग में सरकारी सेवक की नियुक्ति हेतु दिव्यांग का 40 फीसदी होना अनिवार्य माना जाता है।

 शारीरिक योग्यता प्रमाण पत्र अभ्यर्थी के वर्तमान स्थिति का पता लगाने हेतु  मांगा जाता है। शारीरिक योग्यता प्रमाण पत्र के अनुसार महिलांग पूरी तरह अपात्र है। दो दिन पहले दिव्यांग कर्मचारी संघ द्वारा इसकी शिकायत कलेक्टर से एक बार फिर से की गई थी। समिति के पदाधिकारी ने चर्चा में बताया कि पूर्व में शिकायत के बाद कलेक्टर के आदेश का संभागीय मेडिकल बोर्ड रायपुर से महिलांग की जांच की गई थी। जांच रिपोर्ट में महिलांग की दिव्यांग का प्रतिशत महज 30 फीसदी आया है।

इस संबंध में कलेक्टर ने मंगलवार को टीएल की बैठक में इस मुद्दे की जांच करने जिला शिक्षा अधिकारी को मार्क कर जांच के लिए दिया है।

चर्चा करने पर जिला शिक्षा अधिकारी हिमांशु भारती ने बताया कि कलेक्टर ने प्रकरण की जांच के लिए मार्क किया है। मामले में अहम कड़ी स्वास्थ्य विभाग का दिव्यांग प्रमाण पत्र है। इस बारे में सिविल सर्जन से चर्चा हुई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा शिक्षा विभाग के सभी तथ्यों को देखते हुए मामले की जांच जल्द शुरू करेंगे।

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