गरियाबंद
![बौद्ध पूर्णिमा पर त्रिवेणी संगम साहित्य समिति के कवियों की काव्य गोष्ठी बौद्ध पूर्णिमा पर त्रिवेणी संगम साहित्य समिति के कवियों की काव्य गोष्ठी](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/17165413941.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम, 24 मई। गायत्री मंदिर परिसर में बौद्ध पूर्णिमा के अवसर पर भव्य काव्य गोष्ठी का आयोजन त्रिवेणी संगम साहित्य समिति के कवियों द्वारा रखा गया था। कार्यक्रम में सभापति के रूप में नरेंद्र पार्थ शिक्षक अभनपुर मौजूद थे।
कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के तैल चित्र एवं गौतम बुद्ध के चित्र पर पूजा-अर्चना कर किया गया। रोहित साहू माधुर्य ने माता सरस्वती का वंदन गान प्रस्तुत किया। तत्पश्चात युगल किशोर साहू मानस टिकाकार ने राम चरित मानस के संकटमोचन हनुमान पर भक्तिमय, कविता प्रस्तुत कर भाव विभोर कर दिया। श्रवण कुमार साहू प्रखर ने संस्कार से संबंधित मन में रखो तुम शांति रिश्तो में ना हो भ्रांति की पंक्तियों के साथ शानदार प्रस्तुति दी।
छग्गूयास आडिल ने कहा पहले के जैसे अब जिंदगी नहीं है हम सही हैं या समय सही नहीं है, इस पंक्ति के माध्यम से समय की महत्ता को बखूबी रूप से प्रस्तुतिकरण किया। कोमल सिंह साहू ने बेटी पर जोरदार कविता पढ़ी, मकसूदन राम साहू बरीवाला ने सामाजिक विषमता पर कविता सुनाई, भरत लाल साहू उर्फ प्रभु ने जल संरक्षण की महत्व जल की उपयोगिता बताई, तुषार शर्मा ने भगवान शिव शंकर पर भक्तिमय कविता पढ़ी, किशोर निर्मलकर गीतकार ने निंदिया उड़ा के चैन गंवा के प्रेम रस की कविता पढ़ी, प्रिया देवांगन मां की आंचल मां की ममता सारे जग से न्यारी है जो सबसे ही प्यारी है मां पर कविता पढ़ी, रोहित साहू माधुर्य ने पाषाण पत्थर की महिमा पर कविता पढ़ी, डॉ रमेश कुमार सोनसायटी ने पेड़ और पर्यावरण पर कविता पढ़ी, नरेंद्र पार्थ साहू सभापति ने गौतम बुद्ध के जीवनी बताई। कार्यक्रम का संचालन किशोर निर्मलकर ने किया एवं आभार प्रदर्शन डॉ.रमेश सोनसायटी ने किया।