रायपुर
बीजेपी ने सारे सबूत मिटाए-बैज
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 24 मई। कल 25 मई को नक्सलियों के अब तक के सबसे बड़े राजनीतिक हत्या की बरसी है। नक्सलियों ने 2013 में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर हमला कर 31 नेताओं और सुरक्षाकर्मियों की हत्या कर दी थी। इस घटना में सुरक्षा चूक को लेकर 11 वर्ष बाद भी आज भाजपा-कांग्रेस के नेताओं के बीच बयानबाजी जारी है।
उप मुख्यमंत्री गृह विजय शर्मा ने शुक्रवार सुबह पत्रकारों से चर्चा में कहा कि मैने कहा था सबूत जेब में रखें है तो टटोल लिया जाए। मेरा आग्रह है कि खुद टटोल कर देख लें। भूपेश बघेल के भाजपा के लोगों के झीरम मामले में शामिल होने के बयान पर आप पांच सालों तक मुख्यमंत्री थे आपको यह बात नहीं कहनी चाहिए।
गुरुवार को हुए नक्सली मुठभेड़ को लेकर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा का बयान नारायणपुर , दंतेवाड़ा, के फाइटर्स के साथ नक्सली के साथ मुठभेड़ हुआ , ये सुरक्षा बलो के शौर्य का प्रतीक है, लक्ष्य का क्या है निर्धारित करे, हम सभी सुविधाएं और सुरक्षा देने के लिए तैयार है।
नक्सलियों के पर्चे को लेकर शर्मा ने कहा ऑपरेशन जहां आवश्यक हैं वहां तो करना होता है। चाणक्य की बात करके ब्राह्मण की बात करके नकारा नहीं जा सकता, हम प्रयास कर रहें हैं। वो कहते हैं वहां सडक़ नहीं बनाई जाए, लाइट नहीं लगाई जाए। उनका लक्ष्य जनकल्याण है तो हमको भी जनकल्याण ही करना है एक लक्ष्य से जुड़े। नक्सल सेंट्रल कमेटी की बात पर कहा उनके बीच में भी दिक्कतें है, क्योंकि ऊपर के अधिकारी अन्य प्रदेशों के हैं और जो समान ढोने वाले छत्तीसगढ़ के हैं।
दूसरी ओर पीसीसी के अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि झीरम पीडि़तों को अब तक न्याय नहीं मिला है। क्योंकि बीजेपी ने हत्याकांड के सभी सबूत मिटाने का काम किया है। वहीं नक्सली नरसंहार झीरम घाटी 2013 में गंभीर रूप से घायल हुये पूर्व कांग्रेस नेता डॉ. शिवनारायण द्विवेदी ने साय सरकार से एस.आई.टी. जांच को जल्द से जल्द शुरू करवाने की मांग की है जिससे झीरम पीडि़तो को न्याय मिल सके आज 11 वर्ष नक्सली घटना को हो चुके है घटना को अंजाम देने वाले सारे नक्सली कमांडर भी मर चुके है घटना के पीछे किसका राजनैतिक षड्यन्त्र है उसकी पहचान कर उसको सजा मिले ये राज्य सरकार का दायित्व है।