दन्तेवाड़ा
![स्वयंसेवकों के कार्य सराहनीय, जिला पंचायत में कार्यशाला स्वयंसेवकों के कार्य सराहनीय, जिला पंचायत में कार्यशाला](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1716567574nt-101.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दंतेवाड़ा, 24 मई। जिला प्रशासन, यूनिसेफ और एग्रिकॉन्स फाउंडेशन के सहयोग से युवोदय स्वयंसेवकों को सशक्त करने के लिए ‘स्वयंसेवा से स्वयंसिद्ध’ कार्यशाला का आयोजन जिला पंचायत के सभाकक्ष में किया गया।
इस कार्यशाला का उद्देश्य स्वयंसेवकों को सशक्त करते हुए उन्हें समाजोन्मुख दृष्टिकोण प्रदान करना है। ग्राम पंचायत में स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वच्छता, किशोर सशक्तिकरण, बाल सुरक्षा, मानसिक स्वास्थ्य, सुपोषण के जन जागरूकता अभियानों के मध्यम से विभागीय योजनाओं को जिले के प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचाने में युवोदय स्वयंसेवकों को सहयोग करने हेतु प्रेरित किया जा रहा है। इसके साथ ही शाला त्यागी बच्चों को पुन: शिक्षा से जोडऩे, बाल सुरक्षा की महत्व समझाने, माहवारी स्वच्छता प्रबंधन, कुपोषण दूर करने हेतु गांव-गांव में प्रशासन के सहयोगी के रूप में जागरूक करते हुए उन्मूलन हेतु कार्य करने कहा गया।
इस अवसर पर कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी द्वारा स्वयंसेवकों द्वारा की जाने वाली गतिविधियों की सराहना करते हुए आगे भी ऐसे ही समाज के हित में कार्य करने हेतु प्रोत्साहित किया। इस एक दिवसीय कार्यशाला में गुजरात से आये ट्रेनर प्रोफेसर दीपक तरैया ने स्वयंसेवा के महत्वपूर्ण पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए स्वयंसेवा के पीछे छिपे अर्थ और महत्व को समझाते हुए समय, संवाद और स्पर्श को जीवन का मूल्य बताया।
युवोदय स्वयंसेवकों को ‘सीखें, जीये और नेतृत्व’ के सिद्धांतों के माध्यम से एक उत्साही और प्रेरित स्वयंसेवक बनने की राह दिखाई। यूनिसेफ से जुड़े एसबीसी विशेषज्ञ श्री अभिषेक सिंह ने बताया कि, युवोदय स्वयंसेवक, प्रशासन और समुदाय के मध्य मुख्य कड़ी है, शासन की योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पंहुचाने व समाज को स्वस्थ्य व्यवहारों के प्रति जागरूक करने कार्य करती है।
कार्यक्रम में जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी कुमार बिश्वरंजन, यूनिसेफ बाल सुरक्षा विशेषज्ञ चेतना देसाई, जागृति गर्ग (राज्य सलाहकार), अनन्या झा (एग्रीकोन फाउंडेशन), जिला समन्वयक यूनिसेफ विनोद साहू उपस्थित थे।