गरियाबंद

नागा साधु महंत जनकपुरी महाराज विलक्षण प्रतिभा के धनी थे - गिरीश बिस्सा
07-Jun-2024 2:27 PM
नागा साधु महंत जनकपुरी महाराज विलक्षण प्रतिभा के धनी थे - गिरीश बिस्सा

राजिम, 7 जून। राजिम कुंभ कल्प मेला स्थानीय समिति के पूर्व सदस्य सचिव व सेवानिवृत्त ओ.एस.डी. गिरीश बिस्सा ने जनकपुरी महाराज के ब्रम्हलीन होने पर अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की है।

श्री बिस्सा ने बताया कि राजिम महोत्सव में सर्वप्रथम 2005 से संतों को निमंत्रित करना प्रारंभ हुआ था और उसी वर्ष से मेरा उनके साथ आत्मिय संबंध था। राजिम कुंभ में नागा अखाड़े से सम्बंधित साधुओं को उन्हीं की सलाह पर निमंत्रित किया जाता था तथा उनके अखाड़ा क्षेत्र की व्यवस्थाएं संभालने में उनका विशेष योगदान रहता था।

श्री बिस्सा ने नागा महंत जनकपुरी महाराज के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि महाराज जी बहुत विनम्र व समन्वय के साथ कार्य करने वाले साधु थे, जबकि नागा साधुओं की सामान्य छबि अडिय़ल व कठोर होती है ऐसा प्रचलित है।

 नागा दिगम्बर अखाड़े के महंत जनकपुरी महाराज की विशेषता थी कि कडक ठंड हो या बरसात कभी वस्त्र धारण नहीं करते थे जबकि सामन्यत: नागा साधु भी कुंभ के अलावा सामान्य दिनों में गेरूवा वस्त्र धारण कर लेते हैं। श्री बिस्सा ने कहा कि उनकी विनम्रता के कारण ही क्षेत्रीय जनमानस में उनके प्रति आदर है तथा उनके भक्तों की भी संख्या बहुत ज्यादा है। उनकी आवश्यकताएं सीमित थी और अपने से जुड़े भक्तों से अधिकार के साथ आवश्यक चीज मांग लिया करते थे। उनकी इस बात पर भक्त भी प्रसन्न होते थे।


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