सरगुजा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबिकापुर,11 जून। अनुसूचित जनजाति के जिन लोगों ने अपनी जातिगत रीति रिवाज,परंपरा,रूढि़,संस्कृति का परित्याग करके धर्म परिवर्तन कर लिया है, ऐसे धर्मांतरितों को अनुसूचित जनजाति की सूची से बाहर करने के लिए जनजाति सुरक्षा मंच एवं जनजातीय समाज द्वारा सरगुजा जिले के गांव-गांव में अभियान चलाकर प्रधानमंत्री को पोस्टकार्ड लिखा जा रहा है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मांग की जा रही है कि जिस प्रकार की व्यवस्था अनुच्छेद 341 में अनुसूचित जाति वर्ग को प्रदान की गई है उसी प्रकार अनुच्छेद 342 में भी किया जाए। गांव-गांव के जनजातियों में इस विषय का जनजागरण किया जा रहा है।
नवंबर में दिल्ली में डीलिस्टिंग महारैली
पोस्टकार्ड अभियान के साथ ही दिल्ली चलो की तैयारी भी जोर-शोर से की जा रही है। इस वर्ष नवंबर में जनजाति सुरक्षा मंच लाखों जनजातियों के साथ दिल्ली में डीलिस्टिंग महारैली करने जा रहा है, जिसमें सरगुजा से भी हजारों की संख्या में जनजाति समाज के लोग शामिल होंगे।
ज्ञात हो कि मतांतरित लोगों द्वारा अनुसूचित जनजाति वर्ग को मिलने वाला आरक्षण का लाभ भी बराबर लिया जाता है जिसके कारण मूल समाज संविधान द्वारा दिए जा रहे इस सुविधा से वंचित होता है।
पोस्टकार्ड अभियान में लुण्ड्रा विकासखंड के सिकिलमा, चोरकीडीह, लमगांव में सैकड़ों लोगों ने पोस्टकार्ड लिखकर प्रधानमंत्री को भेजा। जिसमें प्रमुख रूप से जनजाति सुरक्षा मंच के प्रांत सह संयोजक इंदर भगत, जिला सह संयोजक श्रीराम भगत, जगेश्वर सिंह पैंकरा, राधेश्याम एक्का, देवलाल कुजूर, साधुराम, बृजमोहन कुजूर, जीवन राम खाखा, हरिराम कुजूर, राजकुमार, राजेश, सुखबेलास, छोटेलाल, साबुन राम, जीवानंद, धर्मपाल, विकास, चारो, धनेश्वर राम सहित बड़ी संख्या में जनजातीय समाज के लोग शामिल हुए।