दुर्ग

भारत में गुरुकुल परंपरा सबसे पुरानी-ललित
15-Jun-2024 7:09 PM
भारत में गुरुकुल परंपरा सबसे पुरानी-ललित

सहजानंद अंतरराष्ट्रीय गुरुकुल के भूमिपूजन में शामिल हुए विधायक
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 15 जून।
  ग्राम अमलीडीह में सहजानंद अंतरराष्ट्रीय गुरुकुल के भूमिपूजन कार्यक्रम में सांसद विजय बघेल के साथ विधायक ललित चंद्राकर सम्मिलित हुए। भूमिपूजन कर सभी उपस्थित जनों, नारायण सेवा संस्थान को इस अवसर की बधाई दी। इस अवसर पर वृक्षारोपण किया एवं पर्यावरण की सेहत अच्छी रखने हेतु सभी से अधिक से अधिक को वृक्ष लगाने का आग्रह किया।

विधायक ललित चंद्राकर ने कहा कि भारतीय तपोकालीन संस्कृति सम्पूर्ण  विश्व के लिए सदैव आदरणीय एवं वंदनीय रही है। इसका एकमात्र कारण यह है कि भारत में प्राचीनकाल से जो शिक्षा दी जाती हैं वह गुरुकुलों से प्राप्त होती है। हमारे ऋषिमुनियों ने ही गुरुकुल द्वारा ही संस्कार और शिक्षा को आज तक जीवित रखा है। एक समय ऐसा भी था कि गुरुकुल में दी जाने वाली शिक्षा से भारत विश्वगुरु के नाम से जाना जाता था। देश की विकास व उन्नति तभी हो सकती है जब शिक्षा व्यवस्था सही हो। भारत में गुरुकुल परंपरा सबसे पुराना शिक्षा देने की व्यवस्था है। गुरुकुल की परंपरा से यह आधुनिक समाज संस्कार, संस्कृति शिष्टाचार, सामाजिक जागरूकता, मौलिक व्यक्तित्व, बौद्धिक विकास और सभ्यता जैसे अमूल्य गुणों को अपने आने वाली सैकड़ों पीढिय़ों को विरासत में दे सकते हैं।

इस अवसर पर प्रमुख रूप से पूर्व विधायक देवजी भाई पटेल, जिला पंचायत सदस्य दुर्ग हर्षा लोकमणी चंद्राकर, उत्तर मंडल अध्यक्ष लोकमणी चंद्राकर, दक्षिण मंडल अध्यक्ष लालेश्वर साहू, मध्य मंडल अध्यक्ष खेमलाल साहू, जनपद सदस्य धनश्याम कौशिक, सरपंच अमलीडीह शेषणारायण साहू, सांसद प्रतिनिधि पप्पू चंद्राकर, पार्षद मनीष यादव, धनश्याम प्रकाश दास, कृष्ण वल्लभ दास, हर्षद भाई पटेल सहित नागरिक उपस्थित थे।

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