धमतरी
![एसडीएम ने की सिविल अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं की समीक्षा एसडीएम ने की सिविल अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं की समीक्षा](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1718630113033.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नगरी, 17 जून। गत दिनों संयुक्त कलेक्टर एवं अनुविभागीय दंडाधिकारी पवन कुमार प्रेमी द्वारा सिविल अस्पताल नगरी में स्वास्थ्य विभाग अंतर्गत संचालित समस्त प्रमुख राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों सहित सिविल अस्पताल नगरी में स्वास्थ्य गत गतिविधियों की समीक्षा की गई।
बैठक के दरम्यान डॉ. डीआर ठाकुर, (बीएमओ) नगरी और हितेन्द्र कुमार साहू (बीपीएम) नगरी द्वारा बिंदुवार पावर पॉइंट प्रजेंटेशन कर कार्यक्रमों की जानकारी दी गयी और डॉ. अरुण नेताम स्त्री रोग विशेषज्ञ तथा डॉ. डी एन सोम द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों के क्लिनिकल पॉइंट को विस्तार पूर्वक बताया गया।
मीटिंग में सोमेंद्र साहू परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग भी विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप उपस्थित रहे। मीटिंग में समीक्षा के दरम्यान विभिन्न निर्देश दिए गए जिसमें चिरायु कार्यक्रम में पेंडिंग केस के उपचार, कुष्ठ रोग में चिन्हांकित उच्च जोखिम वाले ग्रामों में नियमित रूप सर्वे करने के निर्देश दिए गए है टीबी मरीजों के 100 फीसदी निकश्चय मित्र बनाने और सही पोषण आहार प्राप्त हो रहा है कि नहीं की समीक्षा के निर्देश दिए गए। एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के तहत स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में विपस कार्यक्रम को सुदृण और नियमित रूप से क्रियान्वित करने और रिपोर्टिंग करने के निर्देश दिए गए। सिकल सेल उन्मूलन कार्यक्रम के तहत इस वर्ष 38682 के लक्ष्य को समयसीमा में प्राप्त करने के निर्देश दिए गए। परिवार नियोजन कार्यक्रम अंतर्गत सत प्रतिशत प्राप्ति की सराहना की गई, किन्तु पुरुष नसबंदी को और बढऩे तथा परिवार नियोजन के अस्थायी संसाधनों को ज्यादा से ज्यादा प्रमोट करने के निर्देश दिए गए। गैर संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत फॉलोअप तथा कंट्रोल रेट के कम होने पर निराशा जाहिर करते हुए इसे बढ़ाने के निर्देश दिए गए।
मातृत्व शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम की समीक्षा के दरम्यान सन्तोष व्यक्त किया गया। किन्तु जीरो डोज टिकाकरण की प्राप्ति 95 फीसदी होने पर असंतोष व्यक्त करते हुए इसे 100 फीसदी करने के निर्देश दिए गए। मातृ और शिशु मृत्यु की भी संक्षेप में समीक्षा करते हुए आडिट पर निकले प्रमुख बिन्दुओ पर जानकारी ली गयी इस मातृ मृत्यु पर डॉ. नेताम ने बताया कि मातृ मृत्यु के दो सबसे बड़े प्रमुख कारण हिमोग्लोबिन का कम होना और रक्तचाप का बढ़ जाना है।
इसको रोकने के लिए गर्भवती माता के साथ परिवार जन की काउंसलिंग की भी आवश्यकता है व स्थानीय मितानिन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा नियमित गृह भेंट आवश्यक है।
शिशु मृत्यु पर समीक्षा के बारे में डॉ. डी एन सोम ने बताया कि विभिन्न कारणों से बच्चे का स्वाश न ले पाना, कमजोर बच्चे का जन्म लेना ये दो प्रमुख शिशु मृत्य के कारण है जिसका प्रमुख कारण बच्चे का घर मे सही ढंग से न रखना जिससे बच्चे संक्रमित हो जाता है, सही समय पर और सही मात्रा में दूध न पिलाना प्रमुख कारण है।
इस पर एसडीएम नगरी द्वारा जन्म के उपरांत सही तरीके से हस्तक्षेप करने काउंसलिंग के निर्देश दिए गए। कम उम्र में भी गर्भवती पंजीयन के सबन्ध में महिला बाल विकास अधिकारी को प्रत्येक शुक्रवार को आयेजित होने वाले व्ही एच ऐन डी में किशोरियों की काउंसलिंग की निर्देश दिए गए। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव की समीक्षा करते हुये प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सांकरा को छोडक़र सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रसव की प्राप्ति पर असंतोष व्यक्त किया गया। इस हेतु सभी पीएचसी को प्लान बनाकर वर्ष में कम से कम120 माह में 10 प्रसव कराने के निर्देश दिए गए। जिस हेतु सभी क्लिनिकल स्टाफ को मुख्यालय निवास के निर्देश दिए गए। वर्षा ऋतु के पूर्व आवश्यक मेडिसिन की उपलब्धता को सुनिश्चित करने, कॉम्बेट टीम को सक्रिय करने, मलेरिया से प्रभावित होने वाले ग्रामो में आरडी किट , दवाई उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए।
अंत में एसडीएम द्वारा उपस्थित सभी स्टाफ को जिम्मेदारी पूर्व रेस्पेक्टफुल सेवा को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। अवकाश पेंशन प्रकरण सहित अन्य सभी स्थापना और वित्त के कार्यों को समय सीमा पूर्ण करने के निर्देश दिए गए। स्वास्थ्य केंद्रों में जैव अपशिष्ट के निपटान के बारे में भी समीक्षा करते हुए सभी स्वास्थ्य केंद्रों के प्रमाणन और सेफ्टी पीट निर्माण के निर्देश दिए गए है, जिन स्वास्थ्य केंद्रों में सेफ्टी पिट निर्माण हेतु जगह नहीं है उनकी सूची उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए है। इस मीटिंग में स्वाथ्य विभाग के अन्य अधिकारी कर्मचारी भी उपस्थित रहे।