रायगढ़

औद्योगिक प्रदूषण से रायगढ़वासी और बीमार, 4 बड़े उद्योगों का हो रहा विस्तार, सांस के लिये भी तड़पेंगे लोग
22-Jun-2024 2:51 PM
औद्योगिक प्रदूषण से रायगढ़वासी और बीमार, 4 बड़े उद्योगों का हो रहा विस्तार, सांस के लिये भी तड़पेंगे लोग

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायगढ़, 22 जून। कहने को तो रायगढ़ तेजी से औद्योगिक नगरी के रूप में अपनी पहचान बना रहा है। इतना ही नही रायगढ़ जिला मुख्यालय सहित जिले के अन्य जगहों में भी बढ़ते उद्योगों की संख्या बताती है कि उद्योग लगाने वाले लोगों को रायगढ़ की आबो हवा काफी भा सी गई है, जो इसका दोहन करने के लिये आसानी से न केवल उद्योग लगाते हैं, बल्कि यहां के लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करते हुए उनकी उम्र को भी कम करते जा रहे हैं।

अब एक बार फिर से रायगढ़ जिले में चार बड़े उद्योग अपने उद्योगों की क्षमता विस्तार करने के लिये भी पूरी तैयारी कर चुके हैं। इतना ही नहीं इन उद्योगों की चिमनियां जहर उगल रही है और अब और अधिक प्रदूषण जिले में फैलाने की तैयारियां हो चुकी है। शासन ने इन उद्योगों की जन सुनवाई के लिये तिथियां भी निर्धारित कर दी है और फर्जी तौर पर बनाई गई ईआईए रिपोर्ट पर भी राज्य सरकार ने आंखे मूंद ली है और इसीलिये यहां के राजनीतिक रसूखदारों से सांठगांठ करके उद्योगपति एक के बाद एक उद्योगों का विस्तार करके जिले की जनता की जान से खिलवाड़ करते आ रहे हैं।

एक जानकारी के अनुसार रायगढ़ जिले में 27 जून को रायगढ़ इस्पात एण्ड पावर लिमिटेड की देलारी में, 28 जून को इसी उद्योग की एक और जनसुनवाई ग्राम शिवपुरी में और इसके बाद मेसर्स सन स्टील एण्ड पावर लिमिटेड की जनसुनवाई 4 जुलाई को और भारत की सबसे बड़ी चर्चित मेसर्स अडानी पावर लिमिटेड की जन सुनवाई 12 जुलाई को तय कर दी गई है।

इस संबंध में जिले के पर्यावरण अधिकारी अंकुर साहू ने जानकारी देते हुए बताया कि चारो उद्योगों के विस्तार का प्रस्ताव शासन की तरफ से आया था और अब ईआईए रिपोर्ट तथा अन्य सहमति पत्रों के आधार पर अलग-अलग तिथियों में इनकी जनसुनवाई संपन्न करानी है और तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई है। पर्यावरण अधिकारी साहू ने बातचीत के दौरान बताया कि चारो उद्योगों के क्षमता विस्तार करने के लिये यह जनसुनवाई की जा रही है और क्षेत्र के लोगों को इसकी जानकारी भी अखबारों में निकाले विज्ञापन के आधार पर दे दी गई है।

पर्यावरण अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार यह बात स्पष्ट हो जाती है जिस प्रकार रायगढ़ जिले में पानी व खनिज संसाधनों की पर्याप्त मात्रा होने का फायदा उद्योगपति उठा रहे हैं उसका खामियाजा जिले की जनता भुगत रही है। एक ओर से सडक़ें कोयले के परिवहन तथा उनके भारी भरकम सामान की ट्रांसपोर्टिंग के चलते गायब हो गई है तो वहीं पेयजल का स्तर सैकड़ो फुट नीचे जा चुका है। चूंकि अधिकाशं उद्योग चोरी से भू-गर्भ का पानी उपयोग करते हैं, जिसके कारण बिना अनुमति के गोदे गए बोरों से हजारो लीटर पानी का उपयोग रायगढ़ जिले के पूंजीपथरा स्थित दर्जनों उद्योग के अलावा अन्य कई बड़े उद्योग भी लगातार करते आ रहे हैं। ऐसा ही जिले की नदियों के साथ हो रहा है जहां से पानी की चोरी तो होती ही है साथ ही साथ अनुमति की संख्या से ज्यादा पानी धड़ल्ले से उपयोग किया जाता है। इन सभी मामलों में अधिकारियों की चुप्पी इस बात का संकेत है कि उन्हें उद्योगपतियों से मिलने वाली सहायता तथा अन्य सुविधाओं से वंचित न हो इसलिये खुला समर्थन अधिकांश उद्योगपतियों को हमेशा दिया जाता रहा है।

बहरहाल देखना यह है कि रायगढ़ इस्पात एण्ड पावर लिमिटेड की देलारी में, 28 जून को इसी उद्योग की एक और जनसुनवाई ग्राम शिवपुरी में और इसके बाद मेसर्स सन स्टील एण्ड पावर लिमिटेड की जनसुनवाई 4 जुलाई को और भारत की सबसे बड़ी चर्चित मेसर्स अडानी पावर लिमिटेड की जन सुनवाई 12 जुलाई को तय कर दी गई है।

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