बस्तर

617 वर्षों से रियासतकालीन परम्परा का निर्वहन प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी- ईश्वर खम्बारी
05-Jul-2024 9:55 PM
617 वर्षों से रियासतकालीन परम्परा का निर्वहन प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी- ईश्वर खम्बारी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

जगदलपुर, 5 जुलाई। 360 घर आरण्यक ब्राह्मण समाज अपने अनवरत् 617 वर्षों से रियासतकालीन परम्परा का निर्वहन करते हुए प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी 22 जून से 17 जुलाई  तक बस्तर गोंचा महापर्व का आयोजन कर रही है।

आज  पत्रकार वार्ता  मंे समाज के अध्यक्ष ईश्वर खम्बारी ने बताया कि 22 जून को देवस्नान पूर्णिमा (चंदन जात्रा) पूजा विधान के साथ बस्तर गोंचा महापर्व  का आगाज हो चुका है, भगवान श्री श्री जगन्नाथ जी अनसर काल की समाप्ति के साथ 6 जुलाई को नेत्रोत्सव पूजा विधान उपरांत 7 जुलाई को पारम्परिक बस्तर के तुपकी (तोप) के गर्जना के साथ श्रीगोंचा रथयात्रा पूजा विधान के साथ भगवान श्री जगन्नाथ, माता सुभद्रा व बलभद्र स्वामी के 22 विग्रहों को तीन रथों पर रथारूढ़ कर परिक्रमा उपरांत जनकपुरी सिरहासार भवन (गोंचा मण्डप) में विराजित किये जायेंगे, जहाँ अनवरत 9 दिनों तक श्रद्धालु भगवान के दर्शन का पुण्य लाभ प्राप्त करेंगे। इस दौरान निर्धारित कार्यक्रमों के अनुसार 8 से 15 जुलाई तक प्रत्येक दिवस समाज के द्वारा विविध धार्मिक/सांस्कृतिक अनुष्ठान (कार्यक्रमों) की परम्परा के निर्वहन की व्यवस्था भी की गई है।

पत्रकार वार्ता  मंे समाज के अध्यक्ष ईश्वर नाथ खम्बारी, गोंचा अध्यक्ष विवेक पांडे, सुदर्शन पाणिग्राही, आत्माराम जोशी, रजनीश पाणिग्राही, नरेन्द्र पाणिग्राही, बनमाली पाणिग्राही, अनंत प्रसाद पांडे, गजेन्द्र पाणिग्राही,  विजय पांडे, चिंतामणि पाण्डे, वेणुधर पाणिग्राही, बिम्बाधर पांडे, बद्रीनाथ जोशी, संतोष पांडे, योगेश पाणिग्राही, अरुण पाढ़ी, गज्जू पाणिग्राही, देव शंकर पंडा, उत्तम पाणिग्राही, प्रशांत पाणिग्राही, जशकेतन जोशी, मिनकेतन पाणिग्राही, चोखालाल पाणिग्राही, निर्मल पाणिग्राही आदि उपस्थित थे।

पत्रकार वार्ता  मंे बताया गया कि इस वर्ष श्री गोंचा रथयात्रा, हेरा पंचमी, छप्पन भोग एवं बाहुड़ा गोंचा रथयात्रा का शहर में लगे बड़े एल ई डी स्क्रीन के माध्यम से लाइव प्रसारण किया जाएगा। साथ ही सोशल मीडिया फेसबुक, यू ट्यूब के माध्यम से भी लाइव प्रसारण किया जाएगा, गोंचा महापर्व के दौरान प्रत्येक दिन 7.30 बजे भगवान की महाआरती उपरांत भजन-कीर्तन के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन होंगे।

 जिसमें स्थानीय एवं सांस्कृतिक मंत्रालय छत्तीसगढ़ शासन के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर के कलाकारों द्वारा भजन संध्या की प्रस्तुति होगी, समाज द्वारा प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष दिनांक 10 जुलाई  को अखण्ड रामायण पाठ का आयोजन बनमाली पानीग्राही परिवार जगदलपुर के द्वारा किया जाएगा।

 11 जुलाई को दोपहर में समाज के बुजुर्गों का सम्मान के साथ- भगवान श्री श्री जगन्नाथ को सलामी देने हेतु तुपकी बनाने वाले ग्रामीण निर्माताओं का भी सम्मान किया जाएगा, और उक्त दिवस को ही हेरापंचमी के अवसर पर संध्या बेला में श्रीश्री जगन्नाथ मंदिर से लक्ष्मीजी की डोली नगर भ्रमण जनकपुरी सिरहासार पंहुचेंगी, जहां लक्ष्मी-नारायण संवाद का कार्यक्रम सम्पन्न होगा, 12 जुलाई को गुण्डिचा मण्डप सिरहासार में भगवान श्री जगन्नाथ प्रभु को श्री ओंकार पाण्डे परिवार जगदलपुर के द्वारा प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी छप्पन भोग का अर्पण कार्यक्रम सम्पन्न किया जावेगा, जुलाई को नि:शुल्क उपनयन संस्कार समाज के संस्थापक अध्यक्ष स्व. मोहन प्रसाद पानीग्राही एवं स्व. उमेशचंद्र पानीग्राही परिवार जगदलपुर के द्वारा करवाया जाएगा, गोंचा महापर्व को मेला का स्वरूप प्रदान करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष की इस वर्ष भी पर्व के दौरान 8 दुकानें स्थापित की जा रही है। जहां पूजा सामाजिक धार्मिक वस्तुओं के साथ-साथ भगवान श्री जगन्नाथ को प्रिय भोज प्रसाद भी श्रद्धालुओं के लिये उपलब्ध होंगे।

छत्तीसगढ़ के राज्यपाल विश्व भूषण हरिचंदन,  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय  को परम्परानुसार गोंचा महापर्व में सम्मिलित होने हेतु आमंत्रण समाज के प्रतिनिधि मंडल द्वारा बस्तर संभाग के जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में दिया गया। माननीय मुख्यमंत्री ने पर्व में हेरा पंचमी या छप्पन भोग के शुभ अवसर पर सम्मिलित होने के लिए आश्वस्त किया है। साथ ही छत्तीसगढ़ प्रदेश के प्रमुख जनप्रतिनिधियों का भी पर्व में शामिल होने की संभावना है, प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी नगरपालिक निगम जगदलपुर के सहयोग से गोंचा गुढी का निर्माण करवाया जा रहा है। जहाँ पर दिव्यांग, वृद्धजन भी बैठकर गोंचा महापर्व का आनन्द प्राप्त कर सकेंगे।

निगम के द्वारा गोंचा महापर्व के दौरान शुद्ध पेयजल एवं साफ-सफाई की महत्वपूर्ण व्यवस्था भी प्रदान की जावेगी, शताब्दियों से रियासतकालीन परम्परानुसार भगवान श्री जगन्नाथ को अमनिया अर्थात् सात्विक शुद्ध भोग का अर्पण 360 घर आरण्यक ब्राह्मण समाज के 14 क्षेत्रीय समितियों में विभक्त 108 से अधिक ग्रामों में निवासरत् समाज के परिवारों द्वारा दिनांक 8 जुलाई से 14 जुलाई तक प्रतिदिन भोग लगाने के पश्चात् श्रद्धालुओं को वितरण किया जाएगा।

नवीन रथ निर्माण कार्य भी पूर्णता की ओर है, एक रथ के नवीन कपड़ों का निर्माण टेम्पल कमेटी जगदलपुर के माध्यम से कराया जा रहा है। इस वर्ष विद्युत साज-सज्जा के साथ भव्य स्वरूप में रथ संचालन करने की व्यवस्था की जा रही है, बस्तर के गोंचा महापर्व में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से ग्रामीण एवं विभिन्न समुदाय के लोग प्रतिवर्ष अपनी सहभागिता निभाते हैं। समाज महापर्व को भव्य स्वरूप पप्रदान करने हेतु निरंतर प्रयासरत हैं। इसी कड़ी में आज। 360 घर आरण्यक ब्राह्मण समाज गोंचा महापर्व में सभी समाज, समुदाय के लोगों को महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी के दर्शन लाभ हेतु आमंत्रित करती है। बस्तर अंचल का दशहरा पर्व एवं गोंचा महापर्व अपनी समृद्ध गौरवशाली परम्पराओं के लिए देश-विदेश तक अपना विशिष्ट स्थान रखता है, जो आप सभी के सहयोग के बिना संभव नही है। इस हेतु प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी आपके सहयोग की अपेक्षा समाज करती है।

15 जुलाई को बाहुड़ा गोंचा पूजा विधान के साथ भगवान श्री जगन्नाथ, माता सुभद्रा एवं बलभद्र स्वामी श्री मंदिर लौटेंगे, एवं कपाट फेड़ा पूजा विधान में माता लक्ष्मी एवं महाप्रभु श्री जगन्नाथ के मध्य संवाद पश्चात् गर्भगृह में स्थापित होंगे। दिनांक 17 जुलाई को देवशयनी एकादशी के साथ गाँचा महापर्व का परायण आगामी वर्ष के लिए होगा, बस्तर का प्रसिद्ध गोंचा महापर्व को भव्य स्वरूप प्रदान करने के लिये आप सभी पत्रकार बंधुओं के द्वारा किये जा रहे अथक प्रयास हेतु समाज आप सबको साधुवाद देते हुये आपका आभार व्यक्त करती है।

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