रायगढ़

रथयात्रा: हरि बोलो से गूंजा रायगढ़, राज महल प्रांगण में मेला
08-Jul-2024 5:26 PM
रथयात्रा: हरि बोलो से गूंजा रायगढ़,  राज महल प्रांगण में मेला

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायगढ़, 8 जुलाई। ओडिशा के जगन्नाथ पुरी की तरह शहर में भी रियासत काल से बड़ी श्रद्धा व उत्साह के साथ रथयात्रा उत्सव को मनाने की धार्मिक परंपरा चली आ रही है। इस बार भी विधिवत ढंग से रथयात्रा उत्सव को राजापारा स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर ट्रस्ट, उत्कल सांस्कृतिक सेवा समिति, राजपरिवार व शहर के श्रद्धालुओं द्वारा भव्यता दी जा रही है। विगत कई दशकों से शहर के चार स्थानों से रथ निकाली जाती रही है।

इस धार्मिक परंपरा के अंतर्गत भगवान महाप्रभु की नेत्रोत्सव पूजा के पश्चात रविवार की शाम श्रद्धा से राजपरिवार के सदस्यगण सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह पं बृजेश्वर मिश्रा व पं सुदामा पंडा सहित अनेक विप्रगणों के सानिध्य में छेरा पहरा व पहंडी पूजा हुई। व आज शाम पांच बजे वैदिक मंत्रोच्चार, घंट, शंख, ध्वनि व हरि बोलो के जयकारे के साथ भगवान जगन्नाथ सुभद्रा बहन व बलभद्र भैया की पूजा अर्चना कर रथारुढ़ किए और समूचा अंचल हरि बोलो के जयकारे से गुंजित हो गया।

इसी तरह परंपरा अनुसार शहर के चांदनी चौक, सोनारपारा, प्रगति कला मंदिर तथा गांजा चौक में भी विधिविधान से पूजा-अर्चना पश्चात तीनों भगवान को रथारूढ़ किया गया और भक्तों में प्रसाद का वितरण किया गया।

7 जुलाई आषाढ़ शुक्लपक्ष द्वितीया को रथ यात्रा का शुभारंभ हुआ। रायगढ़ की परंपरानुसार यहां के दो दिवसीय रथ यात्रा में रायगढ़ राजपरिवार के सदस्यों के सानिध्य में श्रद्धा से पहंडी एवं छेरा पहरा पूजा-अर्चना का कार्यक्रम हुआ एवं भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र एवं बहन सुभद्रा जी के साथ रथारुढ़ हुए। वहीं भगवान महाप्रभु का रथ समलेश्वरी मंदिर के सामने के मैदान पर ही रहा। जहां ओडिशा से आये हुए भजन एवं नृत्य कलाकरों द्वारा मनोरंजक प्रस्तुति दी एवं शहर की उत्कलिका मातृशक्ति द्वारा श्रीजगन्नाथ मंदिर परिसर में विभिन्न उडिय़ा व्यंजनों का आनन्द पाक मेला का आयोजन भी किया गया जिसका लोगों ने आनंद लिया।

वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने महाप्रभु के पूजा-अर्चना में शामिल हुए और उन्होंने विधिवत ढंग से रथारुढ़ भगवान महाप्रभु जगन्नाथ जी, बलभद्र और सुभद्रा देवी की महाआरती कर जयकारे लगाए साथ ही श्रद्धा से रथ खीचें उनके साथ पूर्व विधायक विजय अग्रवाल, डॉ प्रकाश मिश्रा, गुरुपाल सिंह भल्ला, सुभाष पांडेय, सुरेश गोयल सहित अनेक विशिष्टगणों ने भी विधिवत पूजा-अर्चना की। इसी तरह शहर के अनेक गणमान्य नागरिकों की भी उपस्थित रही।

महाप्रभु मंदिर के पुजारी सुदामा पंडित व जगन्नाथ मंदिर के अध्यक्ष देवेश षडंगी ने बताया कि परंपरा अनुसार 8 जुलाई को भगवान अपने भक्तों को दर्शन देने निकलेंगे जिसे गुंडिचा यात्रा कहते हैं। महाप्रभु का रथ राजमहल प्रांगण से सोमवार को संध्या 4 बजे निकलेगी। यह रथ यात्रा जनमानस के पूरे हर्षोल्लास एवं उड़ीसा के विशेष घंट पार्टी के कलाकारों कीर्तन भजन नृत्य मंडली के साथ आगे अपने गंतव्य गुंडीचा मौसी घर की ओर चांदनी चौक, सोनार पारा, गांजा चौक, हटरी चौक होते हुए गायत्री मंदिर तक जायेगी जहां से भगवान को मौसी घर को लोग ले जायेंगे।

मौसी घर में 8 दिन भगवान सेवा प्रसाद प्राप्त कर दशमी 15 जुलाई की संध्या 4 बजे वापस अपने मंदिर आने पूरी भव्यता से भजनकीर्तन मंडली एवं मंदिर के सेवकों कार्यकर्ताओं के साथ रथारुढ़ होकर निकलेंगे एवं हटरी चौक से गद्दी चौक, पैलेस रोड, गोपीनाथ जीव मंदिर से चांदनी चौक होते हुए राजा पारा स्थित अपने मंदिर पहुंचने पर उत्कलिका मातृशक्ति द्वारा भगवान की महा आरती कर स्वागत किया जायेगा। जहां भगवान मंदिर प्रांगण में ही रहेंगे।

भव्य रथयात्रा उत्सव के अंतर्गत महाप्रभु के रथारुढ़ पूजा -अर्चना कार्यक्रम में शहर के श्रद्धालुओं ने हजारों की संख्या में भाग लिया जिससे राजापारा में मेला सा माहौल रहा और दर्शन करने दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचे। वहीं राजापारा से चांदनी चौक तक लोगों को राहत देने के लिए पुलिस के जवान भी सेवा कार्य में लगे रहे। राजमहल के पास शाम चार बजे से शाम छह बजे तक मेला सा माहौल रहा। इसी तरह सुरक्षा व सहयोग के लिए पुलिस विभाग व ट्रैफिक विभाग के जवानों का भी रथयात्रा उत्सव में बेहद सराहनीय योगदान रहा। महाप्रभु की आगामी पूजा अर्चना के कार्यक्रम को भव्यता देने में सभी श्रद्धालुगण जुटे हैं।

आगामी 16 जुलाई देवशयनी एकादशी को संध्या 6 बजे ओडिशा के प्रसिद्ध कलाकरों द्वारा लक्ष्मी नारायण वाद विवाद का मनमोहक प्रस्तुतीकरण किया जायेगा एवं भगवान अपने गर्भ गृह में प्रवेश करेंगे इसके पश्चात महाप्रभु योग निद्रा में चले जायेंगे। वहीं चार माह के लिए समस्त विवाह आदि शुभ कार्यों पर विराम लग जायेगा एवं कार्तिक मास के एकादशी जिसे देव उठनी एकादशी कहते हैं व भगवान के निद्रा से जागने के पश्चात पुन: शुभ कार्य आरंभ हो जाएंगे।

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