धमतरी

सिकासेर दल के 40 हाथियों का दुगली के जंगल में डेरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 13 जुलाई। करीब 2 महीने बाद हाथी गरियाबंद से वापस धमतरी लौट आया है। दो दिन से पैरी नदी किनारे विचरण करने से आसपास के ग्रामीणों में दहशत है। वन विभाग की निगरानी टीम ने हाथी को शुक्रवार की रात उत्तर सिंगपुर रेंज में देखा था। आज भी इसी रेंज में विचरण कर रहा है। वर्तमान में कक्ष क्रमांक 57 में हाथी दिखाई दिया। विभागीय अफसरों ने बनियातोरा, सोनपैरी, बेलोरा, बोदलबहरा, पेंड्रा, कुशुमखुटा में अलर्ट जारी किया है। हाथी की निगरानी में चुरामन पटेल, छाया ध्रुव, समारू, मन्नू, भगवानी समेत टकेश्वर साहू की ड्यूटी लगाई है।
जिले में विचरण कर रहे किसी भी हाथी में रेडिया कॉलर आईडी नहीं है। ऐसे में हाथियों की निगरानी मल-मूत्र, चिंघाड़ और पैर के पंजों से हो रही है। करीब 8 रेंज के अफसर-कर्मचारी इन हाथियों की निगरानी कर रहे हैं। इधर डीएफओ श्रीकृष्ण जाधव ने ग्रामीणों को अलर्ट रहने कहा है। साथ ही हाथी विचरण क्षेत्र जंगल में न जाने, सतर्क रहने, सुरक्षित रहने व एक- दूसरे को सचेत करने कहा है। हाथी दिखाई देने पर नजदीक के वन कर्मचारियों को सूचना देने समझाया है।
जबर्रा रेंज में सिकासेर दल के 40 हाथी
सिकासेर दल के 40 हाथी दक्षिण जबर्रा रेंज में विचरण कर रहा है। हफ्तेभर से इसी क्षेत्र में हाथियों के विचरण से आसपास के ग्रामीण शाम होते ही घरों में दुबक जा रहे है। वन विभाग ने चारगांव, जबर्रा, खरखा, गजकन्हार, तुमबाहरा, कल्लेमेटा, बिलभदर, डोंगाडूला में अलर्ट जारी किया है। हाईअलर्ट पर जबर्रा, गजकन्हार, दुगली, कल्लेमेटा व बांधा गांव को रखा गया है।
वन्य प्राणियों के लिए अनुकूल हैं अभ्यारण्य
जिले में पानी के लिए गंगरेल, मुरूमसिल्ली, सोंढूर व दुधावा जैसे 4 बड़े बांध और पर्याप्त भोजन हैं। इस कारण 15 साल पहले टाइगर रिजर्व का दर्जा मिला। ज्ञात हो कि हाथियों का कॉरीडोर महासमुंद, गरियाबंद, धमतरी, बालोद, कांकेर, राजनांदगांव है। चंदा हाथी दल अभी महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में है।