राजनांदगांव
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केंद्र ने रद्द करने का नहीं बताया ठोस कारण, दो साल पहले मिली थी मंजूरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 19 जुलाई। राजनांदगांव से होकर गुजरने वाली रायपुर-हैदराबाद एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट को केंद्र सरकार ने रद्द कर दिया है। इस प्रोजेक्ट को रद्द करने का केंद्र ने ठोस कारण नहीं बताया है।
दो साल पहले केंद्र सरकार ने इस एक्सप्रेस-वे को मंजूरी दी थी। इसके लिए शुरूआती प्रशासनिक कार्य का शुभारंभ हो गया था। खासतौर पर एक्सप्रेस-वे से प्रभावित होने वाले किसानों को मुआवजा देने की भी तैयारी चल रही थी। लगभग 70 गांव की जमीनें इस प्रोजेक्ट में शामिल थी। ऐसे में अचानक केंद्र सरकार ने प्रोजेक्ट को पूरी तरह से रद्द कर दिया।
इस संंबंध में राजनंादगांव कलेक्टर संजय अग्रवाल ने ‘छत्तीसगढ़’ को बताया कि केंद्र ने प्रोजेक्ट को रद्द करने के आदेश दिए हैं। इसकी एक कापी प्रशासन को मिल गई है। रद्द करने की ठोस वजह का पत्र में उल्लेख नहीं है।
लगभग दो साल पहले भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा एक आदेश जारी कर रायपुर से हैदराबाद एक्सप्रेस-वे निर्माण कार्य को हरी झंडी दी थी। यह एक्सप्रेस-वे राजनांदगांव जिले से होकर गुजरने वाला था। इसके अलावा मोहला-मानपुर जिले के भी कुछ गांव प्रोजेक्ट में प्रभावित हुए थे। आदेश जारी होने के बाद जमीन अधिग्रहण के लिए सर्वे भी किया गया था।
राजनंादगांव, मोहला-मानपुर, बालोद और दुर्ग जिले के सैकड़ों गांव के किसानों की जमीन को खरीदी-बिक्री के लिहाज से प्रतिबंधित कर दिया गया था। दो साल बाद काम शुरू होने की उम्मीद लगाए बैठे प्रशासन को केंद्र सरकार ने प्रोजेक्ट को कैंसिल कर जबर्दस्त झटका दिया है।
बताया जा रहा है कि इस एक्सप्रेस-वे से रायपुर और हैदराबाद की दूरी में काफी कमी आने की संभावना थी। वर्तमान में रायपुर से हैदराबाद जाने के लिए लगभग 750 किमी का सफर तय करना पड़ता है। नए एक्सप्रेस-वे के निर्माण से लगभग 250 किमी का सफर कम हो जाता।
इस बीच मोहला-मानपुर और गढ़चिरौली से होकर गुजरने वाले इस एक्सप्रेस-वे से एक जंगल का बड़ा हिस्सा प्रभावित हो रहा था। एक लंबे वनभूमि के निर्माण कार्य की चपेट में आने से भी एक्सप्रेस-वे को संभवत: केंद्र सरकार ने रद्द कर दिया।
बताया जा रहा है कि नया एक्सप्रेस-वे रायपुर से दुर्ग-राजनंादगांव, गढ़चिरौली, आदिलाबाद, मैनचेरियल, रामागुंडम और करीमनगर होते हुए हैदराबाद तक निर्माण होता। एक्सप्रेस-वे को रद्द करने के कारण जमीन खरीदी कारोबार से जुड़े लोगों को भी जबर्दस्त नुकसान उठाना पड़ सकता है। वजह यह है कि एक्सप्रेस-वे निर्माण होने की घोषणा के बाद जमीन कारोबार से जुड़े माफियाओं ने बड़ा निवेश किया था। फिलहाल इस एक्सप्रेस-वे को मंजूरी मिलने में वक्त लग सकता है।
लोकसभा चुनाव में भाजपा ने गिनाई थी खासियत
रायपुर-हैदराबाद एक्सप्रेस-वे के निर्माण को रद्द करने के फैसले से भाजपा को जवाब देना पड़ रहा है। खासतौर पर मौजूदा सांसद संतोष पांडे के लिए यह खबर परेशानी खड़े करने वाला है। वजह यह है कि लोकसभा चुनाव में इस एक्सप्रेस-वे को अपनी अहम उपलब्धियों में गिनाते हुए सांसद पांडे ने जनमानस से सहयोग मांगा था।
अचानक केंद्र सरकार ने एक्सप्रेस-वे को रद्द कर भाजपा और सांसद पांडे को विपक्ष के निशाने में ला दिया है। एक्सप्रेस-वे निर्माण से छत्तीसगढ़ का हैदराबाद से संपर्क और आसान होता। विशेषकर राजनंादगांव के लोगों के लिए हैदराबाद की आवाजाही काफी आसान हो जाती। राजनांदगांव से एक बड़ी संख्या में शिक्षा और चिकित्सकीय उपचार के लिए लोग हैदराबाद का फेरा लगाते हैं। लोकसभा चुनाव में अपने महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से सांसद पांडे ने इस प्रोजेक्ट को भी गिनाया था।