धमतरी

मांगों को पूरा करने सरकार का आश्वासन, 11वें दिन खत्म हुई पटवारियों की हड़ताल
19-Jul-2024 2:15 PM
मांगों को पूरा करने सरकार का आश्वासन, 11वें दिन खत्म हुई पटवारियों की हड़ताल

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी,19 जुलाई। 
राजस्व पटवारी संघ ने 11 दिनों से चल रही हड़ताल को 18 जुलाई को खत्म कर दिया है। राजस्व पटवारी शुक्रवार से काम पर लौट आए है। प्रदेशभर के पटवारी संघ अपनी 32 मांगों को लेकर 10 दिन से हड़ताल पर रहे। 11वें दिन काले कपड़े पहनकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। दोपहर बाद राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा के आश्वासन पर हड़ताल समाप्त की। हड़ताल समाप्त होने के बाद पटवारी आज से दफ्तरों में काम पर लौट गए है।

पटवारी संघ के सीताराम सिन्हा, प्रवीण टिकारिहा, प्रकाश साहू ने कहा कि धमतरी समेत पूरे प्रदेशभर में पटवारी 32 बिंदुओं को लेकर बेमुद्दत धरना देकर प्रदर्शन कर रहे थे। यहां गांधी मैदान समेत सभी ब्लॉक मुख्यालयों में यह आंदोलन पूरे 11 दिनों तक चला।

3 दिन पहले प्रदेश के राजस्व सचिव से वार्ता विफल हो गई थी। इसके बाद से पटवारियों में गहरी नाराजगी थी। गुरुवार को पटवारी संघ के प्रदेश स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा से चर्चा की। उन्होंने मांगों को लेकर आश्वासन दिया है। इसके बाद प्रदेश पदाधिकारियों ने इसकी सूचना देकर हड़ताल समाप्त करने का निर्णय लिया। गांधी मैदान में आंदोलन खत्म होने के बाद सभी पटवारी अपने-अपने दफ्तर में लौट गए। 

6 हजार से ज्यादा आवेदन थे पेंडिंग

पटवारियों के हड़ताल पर जाने का असर राजस्व विभाग के कामकाज पर पड़ा। नए शिक्षण सत्र में स्कूलों में प्रवेश की प्रक्रिया जारी है। स्कूलों में प्रवेश के लिए छात्रों से आय, जाति और निवास प्रमाण पत्र मांगे जा रहे हैं। हड़ताल पर होने के कारण राजस्व कार्यालयों में ही 6 हजार से अधिक आवेदन पेंडिंग हैं। इसके अलावा नामांकन, सीमांकन, बटांकन और त्रुटि सुधार के लिए लोगों को भटकना पड़ रहा है। 

अब तक 57981 प्रकरणों का निराकरण 

बीते 9 जुलाई की स्थिति में राजस्व के 81949 प्रकरण में से 57981 प्रकरण का निराकरण हो चुका है, जबकि 3968 प्रकरण लंबित है। इनमें से कुछ का समय सीमा भी पार हो चुका है। हड़ताल को देखते हुए अब इसकी सुनवाई, निराकरण पर भी असर पड़ रहा है। सुनवाई में आने वाले लोगों को पटवारी रिकॉर्ड के अभाव में लौटना पड़ रहा है। पटवारी 32 मांगों को लेकर बेमुद्दत हड़ताल पर है। जिलेभर में 174 पटवारी और 7 आरआई है। आरआई आंदोलन को अपना नैतिक समर्थन तो दिया है, लेकिन हड़ताल में नहीं है। इधर पालक बच्चों के साथ तहसील दफ्तरों के चक्कर लगा रहे है।


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